Sunday, March 14, 2010

संसद में कल से गर्माएंगे कई नए मुद्दे




परमाणु दायित्व विधेयक पर विपक्षी हो सकता है बेचैन
नजमा हेप्तुल्ला उठा सकती हैं पाक रिफ्यूजियों का मुद्दा




(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से)

आने वाले दिनों में संसद में सरकार को विपक्ष के कुछ नए हमलों का सामना करना पड़ सकता है। महिला आरक्षण विधेयक के अलावा परमाणु दायित्व विधेयक और जम्मू कश्मीर के पाक रिफ्यूजी मामले भी लोकसभा-राज्यसभा को गर्मा सकते हैं। परमाणु दायित्व विधेयक पर सरकार पर हमला कर रहे विपक्ष को एक और हथियार मिल जाने के आसार हैं। सांसद एवं राज्यसभा की पूर्व उपसभापति नजमा हेपतुल्ला का कहना है कि उनकी पार्टी भाजपा संसद में पाक रिफ्यूजियों के मसले पर सदन में सरकार को घेरेगी। प्रधानमंत्री से स्वयं इस मसले पर वह मुलाकात करेंगी चेन्नई में एक अन्य प्रोग्राम में पीएम ने कहा है कि सांसद फिजूलखर्जी रोकें। जम्मू में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यहां राज्य सरकार बंदूकधारियों को साथ लेकर चलती है, न तिरंगा लेकर चलने वालों को। तिरंगा लहराने वालों के पुनर्वास के प्रति संरकार गंभीर नहीं। यहां रह रहे पाक रिफ्यूजियों का अपराध इतना भर है कि ये बंदूक नहीं, तिरंगे से प्यार करते हैं। इनकी नागरिकता का मुद्दा उठाने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा इस मसले को संसद में रखेगी। वह स्वयं इस पर प्रधानमंत्री से बात करेंगी। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार सीमा पार बैठे आतंकवादियों के पुनर्वास पर कदम उठा रही है, लेकिन जो लोग पिछले साठ साल से जम्मू-कश्मीर की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहे हैं, उनके बारे में नहीं सोचने को तैयार नहीं है। उधर, एक अन्य प्रोग्राम में चेन्नई (तमिलनाडु) में तमिलनाडु विधानसभा व सचिवालय की नई इमारत के उदघाटन अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आह्वान किया सांसद और विधायक जनता के धन के अपव्यय को रोकने के लिए सार्थक भूमिका निभाएं। विधायिका का फर्ज है कि वह लोक वित्त के प्रबंधन का ध्यान रखे ताकि संसाधन जुटाने की प्रक्रिया बचत प्रोत्साहन पर विपरीत प्रभाव न डाले। परमाणु दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा के प्रावधान वाले महत्वपूर्ण जन दायित्व विधेयक के कल लोकसभा में पेश होने वाला है और इससे सरकार पर हमला कर रहे विपक्ष को एक और हथियार मिल जाने के आसार हैं। भाजपा और वाम दलों ने पहले ही परमाणु क्षति जन दायित्व विधेयक का विरोध करने का संकेत दे दिया है। ऐतिहासिक भारत अमेरिका परमाणु करार के कार्यान्वयन में इस विधेयक की अहम भूमिका होगी। विधेयक में हरेक परमाणु दुर्घटना की स्थिति में परमाणु संयंत्र के संचालक की ओर से 300 करोड़ रुपए की अधिकतम राशि की जिम्मेदारी की बात की गयी है। हालांकि मसौदा विधेयक में प्रावधान किए गए हैं कि जिसके आधार पर सरकार किसी संचालक के लिए राशि में कमी या वृद्धि कर सकती है। माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि वे विधेयक पेश किए जाने का ही विरोध करेंगे बशर्ते सरकार हमें आश्वासन दे कि उसे संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाए। भाजपा ने भी 300 करोड़ रुपए की सीमा को लेकर चिंता जतायी है। तीन सौ करोड़ रुपए की सीमा के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा, ‘‘ वहां सभी मुद्दे हैं और स्थायी समिति में हम सभी उन सभी मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। ऐसी खबरें हैं कि सरकार इस विधेयक को बजट सत्र में ही पारित कराने के पक्ष में है।

1 comment:

कृष्ण मुरारी प्रसाद said...

· भाड़ में जाए दुनिया , हम बजाई हरमुनिया

· बने रहो पगला काम करेगा अगला

· नौ जाने , छह जानबे न करे

· गुड खाए , गुलगुला से परहेज करे

अब तो यही होगा संसद में....
लड्डू बोलता है...इंजीनियर के दिल से....

· हँसुआ के ब्याह में खुरपी के गीत

· निकले थे हरिभजन को , ओटन लगे कपास

http://laddoospeaks.blogspot.com