Wednesday, March 10, 2010

वॉक ऑउट....वॉक ऑउट....दिल्ली से म.प्र., उत्तराखंड तक




ऐसी लागी लगन!
कु
ऐसी ही धुन सियासत की।
पूर्वाह्न दिल्ली, दोपहर भोपाल, अपराह्न देहरादून तकवॉक ऑउट....वॉक ऑउट!






(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)



उत्तराखण्ड
विधानसभा में आज प्रमुख विपक्षी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों द्वारा जबर्दस्त हंगामा करने के चलते सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के बाद विधान सभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने तीन बार स्थगित करते हुये कार्यवाही को 1500 बजे भोजनावकाश तक के लिये स्थगित कर दी। कांग्रेस और बसपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गये और जोर जोर से नारे लगाने लगे। उनका आरोप था कि राज्य में 56 जल विद्युत परियोजनाओं को कुछ शराब माफिया और कुछ नई कम्पनियों को सौपा गया जिसमें हेराफेरी की गई है। सभी सदस्य ‘‘भ्रष्टाचारी सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी’’ के नारे लगा रहे थे। उनका आरोप था कि आवंटन में भारी रकम का गोलमाल किया गया है। सदन में नेता प्रतिपक्ष हरकसिंह रावत ने कहा कि आवंटन की प्रक्रिया में भारी घोटाला किया गया है और पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिये। उधर, मध्यप्रदेश विधान सभा में बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायकों ने डबरा में एक दलित महिला के साथ अत्याचार और ज्यादती को लेकर हंगामा किया और गर्भगृह में धरना देने के बाद इस मामले पर चर्चा नहीं कराये जाने के विरोध में सदन से वाकआउट कर गए। प्रश्नकाल समाप्त होते ही बसपा के रामलखन सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले पर उन्होने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया है और उस पर आज ही चर्चा करायी जानी चाहिये। विधान सभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने इस मामले में बसपा सदस्यों को उनके कक्ष में आकर मिलने का सुझाव देते हुए कहा कि इस प्रकरण में उन्होने शासन से जवाब मांगा है और जवाब का अध्ययन कर वे कोई निर्णय लेंगे, लेकिन बसपा सदस्य इस मामले पर आज ही चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर गर्भगृह में पहुंच गये और कुछ समय के लिये उन्होने वहां धरना दिया। विपक्ष की नेता जमुना देवी ने भी इस मामले पर आज ही चर्चा कराये जाने की मांग की लेकिन रोहाणी ने बसपा सदस्यों के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि उन्होने शासन से जवाब मांगा है और इसको लेकर वे बसपा सदस्यों को अपने कक्ष में आमंत्रित भी कर रहे हैं लेकिन बसपा सदस्य नारेबाजी के बीच सदन से वाकआउट कर गये। उल्लेखनीय है कि आज सुबह राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल यादव ने सदन शुरू होते ही मांग की कि सपा-राजद के सातों सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए। इसके बाद दोनों पार्टियों के सांसद सदन से वॉक ऑउट कर गए। लोकसभा में भी इसी मामले पर इतना हंगामा हुआ कि सदन कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि कल राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने के समय राज्यसभा की कार्रवाई में खलल डालने पर बजट सत्र से निलंबित सात सदस्यों में से तीन कमाल अख्तर, आमिर आलम खां और नन्द किशोर का कार्यकाल आगामी चार जुलाई को खत्म हो रहा है जबकि वीरपाल सिंह का कार्यकाल दो अप्रैल 2012 तक है। आगामी चार जुलाई को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में पहुंचे ग्यारह सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें जया बच्चन समेत सपा के सात सदस्य हैं। अंदेशा है कि निलंबित उपरोक्त तीन सांसद बहाल न हुए तो शायद ही दोबारा सदन लौटने का उन्हें अवसर मिले।






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