Tuesday, March 9, 2010

कई अंदेशेः देखिए क्या होता है आज?



(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)

आज का नया बखेड़ाः बिल पर चर्चा से पहले आज की वोटिंग पर विदक सकती है भाजपा!

आज मुलायम, लालू, शरद से मिलेंगे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह। कुल मिलाकर सदन में आज क्या होगा, महिला आरक्षण विधेयक पर, प्रधानमंत्री से मुलाकात में क्या विरोध का समाधान संभव है, कल जिस तरह से बिल की प्रतियां फाड़ दी गई थीं, उस अंदेशे में क्या आज सदन में कोई विशेष सुरक्षा इंतजाम होंगे? ये सारे सवाल डोल रहे हैं। देखिए क्या होता है आज? उधर, कल जनता दल (यू) के सांसदों के महिला आरक्षण बिल के विरोध में शरद यादव के साथ लामबंद हो जाने से सूत्रों के अनुसार बिहार सरकार के मुख्यमंत्री खेमे में मची हुई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिल के समर्थन की घोषणा कर चुके हैं। शरद यादव के साथ कल लामबंद हो जाने का मतलब है, सांसदों ने मुख्यमंत्री के इरादे को पलीता लगा दिया है। इससे इसका नीतीश कुमार की बिहार की राजनीति पर आगे क्या असर होने जा रहे है, इसी ही लेकर मुख्यमंत्री खेमे के लोग विचलित बताए जाते हैं। कुल मिलाकर जदयू शरद-समर्थक लामबंदी श्री यादव की मजबूत भावी राजनीति का साफ संकेत माना जा रहा है। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं कि अब तो सवाल विधेयक पारित होने का नहीं, बल्कि उस समय का है, जब ये पारित होगा। कुछ संसदों ने सभापति के आसन तक पहुंचने की कोशिश की, जो दुखद है। उन मुट्ठी भर सांसदों के आचरण से भारतीय लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। मुट्ठी भर नेताओं को लगता है कि उनके विरोध से ये विधेयक पारित नहीं होगा तो उनकी ये सोच ग़लत है। ऐसा सोचना सिर्फ अपने को अंधेरे में रखने और सच्चाई से मुंह मोड़ने की कोशिश भर हो सकती है। इस विधेयक के ख़िलाफ़ जो विरोध था वो अब धीरे-धीरे समाप्त हो चुका है। उल्लेखनीय है कि कल सोमवार को हंगामे के बीच राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश तो हो गया था लेकिन उस पर मतदान टल गया। आज प्रधानमंत्री इस मसले पर मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव से मिलकर इस मसले पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मुलाक़ात कर अन्य सहयोगी दलों के नेताओं से बातचीत की। अभी लोकसभा में आगे भी कई शक्तिपरीक्षण की घड़ियां आने वाली हैं, सपा और राजद के समर्थन ले लेने से सरकार के सामने कई सवाल आ खड़े हुए हैं। उसके सामने अब मसला सिर्फ महिला आरक्षण विधेयक भर नहीं रह गया है। मुलायम सिंह यादव और लालू यादव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं कि दोनों पार्टियाँ दलित विरोधी, मुस्लिम विरोधी और पिछड़ा विरोधी हैं। भाजपा इस बात पर जा अड़ी है कि पहले बिल पर चर्चा होनी चाहिए, फिर वोटिंग। चर्चा न हुई तो पार्टी के सांसद आज (संभव) वोटिंग में भाग नहीं लेंगे। एसएस अहलूवालिया, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज आदि इस बात से भी विचलित बताए जाते हैं कि बिल समर्थक होने के बावजूद प्रधानमंत्री सबसे बड़े विपक्ष के अगुवों से मुलाकात की बजाय आज उन लोगों से मिलने जा रहे हैं, जिन्होंने दोनों सदनों में कल कांग्रेस को खुलेआम ललकारते हुए उससे समर्थन भी वापस लेने का ऐलान कर दिया है।

1 comment:

Udan Tashtari said...

इन्तजार लगा है..