Saturday, March 13, 2010

फिलहाल तो महिला आरक्षण बिल गया ठंडे बस्ते में



राज्यसभा से पारित महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में कब लाया जाएगा, कोई निश्चित नहीं। केंद्र सरकार कड़े विरोध के कारण असमंजस में है। फिलहाल तो दिख रहा है कि उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 15-16 मार्च तक भी शायद ही उसे

(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)
सदन में रखा। इसके बाद 12 अप्रैल से सदन शुरू होगा। कहा जा रहा है कि 'तब की तब' देखी जाएगी। लोकसभा के महासचिव पी. डी. टी. अचारी ने इस बारे में राज्यसभा से प्राप्त संदेश के बारे में सदन को सूचित कर दिया है। लोकसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होनी थी, उसे भी स्थगित कर दिया गया।
शरद यादव, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाले दलों द्वारा विधेयक का कड़ा विरोध करने और भाजपा में इसके विरुद्ध बगावती तेवर उभरने के बाद इसे फिलहाल कुछ दिनों के लिए टालने में ही भलाई समझी जा रही है। भाजपा के कुछ सांसदों ने खुली चेतावनी दी है कि अगर लोकसभा में इस विधेयक को लाया गया तो वे पार्टी व्हिप का उल्लंघन करेंगे। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कह रहे हैं कि विधेयक को निचले सदन में लाने से पहले सरकार सभी संबद्ध पक्षों से सलाह मशविरे करेगी। बिल को लेकर समर्थक दलों के साथ खड़े होने की बजाय ममता बनर्जी लालू यादव की तरफ पहुंच गई हैं। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी तीनों यादवों को साथ लेकर चल रही हैं। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की बड़ी संख्या इस विधेयक के वर्तमान स्वरूप के खिलाफ है। इसी के चलते लालकृष्ण आडवाणी के घर बिल विरोधी भाजपा सांसदों को समझनाने बुझाने का सिलसिला चला। मान-मनव्वल के लिए ही सोनिया गांधी ने अपने सांसदों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से बात की, साथ 10 जनपथ पर सभी सांसदों को सपरिवार रात्रिभोज दिया कि हालात नरम हो जाएं। फिलहाल तो हालात जस के तस बने हुए हैं। साफ अंदेशा है कि बिल का रास्ता आसान नहीं। अभी लंबा समय लगेगा। लोकसभा में पारित होगा भी या नहीं, कुछ कहना मुश्किल लगने लगा है।

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