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दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी समय से अस्वस्थ रहने के कारण भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का कार्यकारी अध्यक्ष चुन लिया गया है और जद यू प्रमुख शरद यादव को राजग संयोजक। आडवाणी के निवास पर शरद यादव की अध्यक्षता में हुई राजग की बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक के बाद राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलुवालिया ने बताया कि शरद के नेतृत्व में हुई बैठक में फैसला किया गया कि आडवाणी राजग के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे, जबकि जार्ज फर्नाडिस के स्थान पर शरद यादव राजग के संयोजक होंगे। बीमार होने के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजग के अध्यक्ष बने रहेंगे। बैठक के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई। इसमें 15वीं लोकसभा में राजग के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी के मार्गदर्शन की जरूरत पर जोर देते हुए शरद यादव ने कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव किया। इस प्रस्ताव का शिवसेना के मनोहर जोशी, अकाली दल के नरेश गुजराल और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने समर्थन किया। इसी क्रम में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राजग के संयोजक के रूप में शरद यादव के नाम का प्रस्ताव किया। शिवसेना के मनोहर जोशी, अकाली दल के नरेश गुजराल और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इसका समर्थन किया। सर्वसम्मति से शरद यादव राजग संयोजक चुन लिये गए। उधर, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार को सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे सकती हैं। नए नेता का चुनाव वसुंधराराजे की सहमति से ही किया जाएगा। पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया या विधायक राव राजेन्द्रसिंह में से किसी एक के विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है। भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को सुबह 10 बजे विधानसभा परिसर की ना पक्ष लॉबी में बुलाई गई है। इस बैठक में विधानसभा में सरकार को घेरने की रणनीति भी बनाई जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनाव से पहले संगठन चुनाव को लेकर हुए विवाद के समय ही दिल्ली में हाईकमान ने वसुंधराराजे का विपक्ष की नेता पद से इस्तीफा लिखवा लिया था। हाईकमान ने उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे खुद ही विधानसभा अध्यक्ष को जाकर अपना इस्तीफा सौंप दें। इसलिए वसुंधराराजे ने विधायक दल की बैठक में विधायक दल की नेता पद से इस्तीफा देने का मानस बना लिया है। ............sansadji.com
उपसभापति बोलेः हर साल सांसद दें कमाई का ब्यौरा
राज्यसभा के भी कुछ सदस्यों के अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं किये जाने की बात को स्वीकार करते हुए राज्यसभा के उपसभापति के. रहमान खान ने आज कहा कि नियमों में बदलाव लाकर आयकर की तरह हर साल सांसदों की संपत्तियों और देनदारियों की घोषणा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से विशेष बातचीत में रहमान खान ने कहा कि सांसद बनने के बाद परिसम्पत्तियों और देनदारी की घोषणा करने के संबंध में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के नियम समान हैं। राज्यसभा में ज्यादातर सांसदों ने अपनी सम्पत्ति की घोषणा की दी है लेकिन 7 या 8 सदस्यों ने अभी भी ऐसा नहीं किया है। संसद की आचार संहिता समिति ने भी सांसदों को अपनी परिसम्पत्ति की घोषणा करने का निर्देश दिया है और जब सभी लोग सम्पत्ति की घोषणा करते हैं तो सांसदों को भी ऐसा करना चाहिए। नियम में बदलाव लाकर हर साल सांसदों की परिसम्पत्तियों और देनदारियों की घोषणा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए, जैसे आयकर रिटर्न दाखिल करने में किया जाता है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाया जाना जरूरी होगा वर्ना सदन में इसे पास नहीं कराया जा सकता। सांसदों को समझना चाहिए कि सदन की कार्यवाही में रूकावट डालकर या बाधा पहुंचा कर कोई भी मुद्दा हल नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके संचालन में आम लोगों का पैसा खर्च होता है। अगर सांसदों की परिसम्पत्ति की घोषणा को संसद के वेबसाइट पर डाला जाता है तो पारदर्शिता के लिहाज से यह एक अच्छा कदम होगा। हम इस पर विचार करेंगे। ............sansadji.com
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