Sunday, May 2, 2010

विकिरण पर सरकार गंभीर, यूएन ने रिपोर्ट तलब की


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मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने विकिरण मामले को चेतावनी बताते हुए कहा है कि देश में रेडियोधर्मी कचरे के खरीद, निपटान और भण्डारण के मद्दे पर चर्चा कराई जानी चाहिए। हम विभिन्न मंत्रालयों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर नियम बनाए जाने पर चर्चा करेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग रेडियोधर्मी और जैव चिकित्सा अपशिष्ठ से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों को दिशानिर्देश जारी करेगा। उधर, संयुक्त राष्ट्र परमाणु नियामक ने दिल्ली विश्वविद्यालय में रेडियोधर्मी कचरे संबंधित खबरों के बारे में और जानकारी मांगी है। भारत का परमाणु उर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) फिलहाल इस दावे की जांच कर रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 20 साल पहले अपने परिसर में रेडियोधर्मी पदार्थ गाड़ दिये थे। स्थानीय पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने कोबाल्ट 60 वाली एक इररेडियेशन मशीन को त्याग दिया जो नई दिल्ली के कबाड़ बाजार में पहुंच गई। इसके कारण 35 वर्षीय एक कामगार की मौत हो गई तथा सात अन्य अस्पताल में पहुंच गए। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रवक्ता मार्क विरीद्रीकैरे ने कहा है कि नियमाक नौ अप्रैल की मीडिया खबरों के बाद इस बात से अवगत है कि नई दिल्ली के मायापुरी में गंभीर विकिरण से आपात स्थिति की आशंका उत्पन्न हो सकती है। एजेंसी ने इस हफ्ते आयी उन मीडिया खबरों को भी देखा जिसमें भारतीय कबाड़ बाजार में विकिरण की चपेट में आये व्यक्ति के मारे जाने की जानकारी है। परिणामस्वरूप आईएईए के घटना एवं आपात केन्द्र ने भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग से संपर्क किया है और जानकारी मांगी हैं एवं मदद की पेशकश की है। भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग ने शुरूआती घटना की पुष्टि की है तथा एईआरबी ने आईएईए को सूचित किया है कि मल्टीपल कोबाल्ट 60 स्रोत का पता लगा लिया गया है और इसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

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