Sunday, May 2, 2010

चार मई से संसद पर दबाव बनाएंगे 35 एनजीओ


sansadji.com

आने वाले दिनों में संसद में कई प्रमुख विधेयक प्रस्तुत होने जा रहे हैं। कुछ-एक मानव संसाधन मंत्रालय से संबंधित तो कुछ-एक तमिलनाडु विधान परिषद को पुनर्जीवित करने आदि पर। महिला आरक्षण विधेय़क भी प्रतीक्षा सूची में चल रहा है, जिस पर 35 गैर सरकारी संगठन सक्रिय हैं और संसद पर दबाव बनाने वाले हैं।
शिक्षा सुधार संबंधी विधेयकों में वह बहुचर्चित विधेयक भी शामिल है, जिसके जरिए विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। निचले सदन में बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के एजेंडे के लिए सूचीबद्ध सात विधेयकों में तमिलनाडु विधान परिषद विधेयक, 2010 भी शामिल है। यह विधेयक संप्रग के महत्वपूर्ण साझेदार द्रमुक को संभवत: अनुकूल लगेगा, जबकि जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक और वाम दलों ने विधान परिषद को पुनर्जीवित करने का विरोध किया है। तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरूआत में होने हैं। द्रमुक ने राज्य विधानसभा से विधान परिषद को पुनर्जीवित करने की मंजूरी हासिल कर ली है। एमजी रामचंद्रन के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार ने 1986 में विधानपरिषद को समाप्त कर दिया था। उधर कैबिनेट की मंजूरी हासिल कर चुके विदेशी शिक्षा संस्थान (प्रवेश एवं परिचालन नियमन) विधेयक के जरिए भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश का रास्ता साफ होगा। इसके तहत भारत में परिचालन के इच्छुक विदेशी संस्थानों को 50 करोड़ रूपये की निधि देनी होगी। हर संस्थान का पंजीकरण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) या किसी अन्य नियामक इकाई द्वारा होगा। महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पारित कराने के उद्देश्य से 35 गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) इसी सप्ताह चार मई को एक साथ बैठक कर सांसदों पर दबाव डालने की कार्य योजना तैयार में व्यस्त हैं। महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में तो पारित हो गया था लेकिन इसे अभी लोकसभा से पारित कराया जाना है। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की रंजना कुमारी के अनुसार इस सार्वजनिक बैठक का उद्देश्य लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पारित करने के लिए सांसदों पर दबाव डालने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है। इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाएं शामिल होंगी। इस बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, राष्ट्रीय महिला अयोग की अध्यक्ष गिरिजा व्यास के भी शामिल होने की संभावना है।

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