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मुंबई में लोकल ट्रेन हड़ताल को लेकर उपजे हालात पर आज लोकसभा में भी हंगामा बरपा और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में मंगलवार को अचानक पश्चिम बंगाल के दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों तृणमूल कांग्रेस और वाम सदस्यों के बीच गर्मागर्मी इतनी बढ़ गयी कि उसे हाथापाई की नौबत से बचाने के लिए कई मंत्रियों और वरिष्ठ सदस्यों को बीचबचाव करने के साथ ही सदन को स्थगित करना पड़ा। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने मोटरमैनों की हड़ताल के बारे में सदस्यों को उनकी बात रखने का अवसर दिया। चर्चा के अंत में माकपा के बासुदेव आचार्य अपनी बात रख रहे थे कि इसी बीच वाम दलों की कट्टर प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय आपे से बाहर हो गए और आचार्य पर चिल्लाते देखे गए। इस पर माकपा के रामचंद्र डोम सहित कई सदस्य बंदोपाध्याय की ओर लपकते देखे गए लेकिन तभी संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल, सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, सदन में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे, सपा नेता मुलायम सिंह और राजद के लालू प्रसाद आदि ने तुरंत हस्तक्षेप करके हालात को काबू से बाहर होने से बचा लिया। अंबिका सोनी काफी देर तक बार-बार हाथ जोड़कर दोनों पक्षों से शांत होने का आग्रह करती रहीं। अध्यक्ष मीरा कुमार ने स्थिति को देखते हुए सदन की बैठक भोजनावकाश से आधा घंटा पहले ही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, शिवसेना सदस्यों की मांग पर अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर सदस्यों को उनकी बात रखने का अवसर दिया। इस पार्टी के अनंत गीते ने कहा कि वह यह मामला शुक्रवार को ही सदन में उठाकर सरकार को सचेत कर चुके थे कि इस बारे में तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस चेतावनी के बाद सरकर ने कोई पहल नहीं की जिसके कारण मोटरमैन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए और मुंबई का जनजीवन ठप हो गया। गीते ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अब भी हड़ताल समाप्त करवाने के लिए तुरंत कोई कदम नहीं उठाया तो मुंबई के हालात बेकाबू हो सकते हैं और कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इस बारे में रेल मंत्री ममता बनर्जी से तुरंत हड़तालियों से बातचीत करने और सदन में बयान देने की मांग की। कांग्रेस के संजय निरूपम ने कहा कि 1974 के बाद से रेलकर्मियों की यह सबसे बड़ी हड़ताल है और इसका दोष रेलकर्मियों पर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये हालात अचानक पैदा नहीं हुए हैं। छह महीने पहले ही मोटरमैनों और अन्य कर्मियों ने रेल बोर्ड को नोटिस दिया था लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस बारे में बोर्ड ने एक समिति गठित करने और 15 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन इस पर भी अमल नहीं किया गया। निरूपम ने कहा कि मुंबई की जीवनरेखा लोकल ट्रेन सेवा के ठप हो जाने से वहां का जनजीवन ठप हो गया है और प्रति मिनट तथा प्रति सेकेंड के हिसाब से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह भी तुरंत मिनट और सेकेंड के हिसाब से हल करने की तत्परता दिखाए। भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए और अब वह हड़ताल पर गए कर्मियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई कर रही है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने हड़तालकर्मियों के खिलाफ एस्मा लगाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इसे तुरंत वापस लिया जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि शुक्रवार को सदन में यह मामला उठने के बाद रेल मंत्री ममता बनर्जी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शिवसेना के सदस्यों से इस बारे में कई घंटे बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम के चुनाव के लिए नामांकन भरने का मंगलवार को अंतिम दिन है और रेल मंत्री इस सिलसिले में वहां हैं। उन्होंने कहा कि वह सदन की भावना से उन्हें तुरंत अवगत कराएंगे। पूर्व रेल मंत्री और राजद नेता लालू प्रसाद ने भी एस्मा हटाकर हड़तालकर्मियों की ओवर टाइम की मांग को मांगे जाने का अनुरोध किया। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने सदन को आश्वासन दिया कि जितनी जल्दी संभव होगा, वह इस बारे में सदन की भावना से संबंधित मंत्री को अवगत कराएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जल्द से जल्द वह इस संबंध में सदन में बयान दें। इससे पहले, प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शिवसेना के सदस्य आसन के निकट आकर रेल मंत्री के बयान की मांग पर नारे लगा रहे थे। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था।
एन आर गोविंदराजर द्वारा पूछे गये प्रश्नों के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री एस एस पलानीमाणिक्कम ने राज्यसभा को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय को अनिल धीरूभाई अम्बानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के विरूद्ध मारीशस कोष, प्लूरी इमर्जिग कंपनीज पीसीसी सेल ई और यूएसबी बैंक लंदन के सहयोग से काले धन को वैध बनाने की शिकायतें पाप्त हुई है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उचित कार्रवाई हेतु इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए कोई समय सीमा बताना कठिन है क्योंकि इसमें भारतीय और बाहर की एजेंसियों के सहयोग के अलावा कई कारक शामिल हैं।
सांसद आर के सिंह पटेल, पकौडी लाल और जी एम सिद्धेश्वर के सवालों के लिखित जवाब में कृषि राज्य मंत्री के वी थामस ने लोकसभा को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन परिसंघ : नेफेड : वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहा है। नेफेड ने अपने व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत 62 निजी पार्टियों के साथ करार किया है और 3945 . 50 करोड़ रूपये का निवेश किया है। नेफेड हालांकि अपने सहयोगी कारोबारियों से 1592 . 36 करोड़ रूपये उगाह नहीं सका और वर्तमान में वित्तीय कठिनाइयों से गुजर रहा है।
1 comment:
ye to inka roj ka tamasha h
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