Monday, March 1, 2010

बोले अमर सिंहः मैं रणछोड़दास नहीं हूं

(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)

मर सिंह ने कहा कि वह रणछोड़ दास नहीं हैं। वाराणसी में मीडिया से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अब वह अपनी राजनीति के भविष्य का प्लेटफार्म बनाने में जुटे हैं। समाजवादी पार्टी वाले इस गलतफहमी में जी रहे हैं कि मेरा पॉलिटिकल कैरियर सिर्फ उन्हीं के भरोसे था, जो पार्टी से हटते ही खत्म हो जाएगा। जो समाजवादी विचारधारा छोड़कर परिवार की राजनीति कर रहे हैं, उन्हें मेरे भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दिनों मैं पूर्वांचल राज्य की मांग पर संघर्ष की रणनीति में व्यस्त हूं। मैं राजनीति में सबकों साथ लेकर चलने वाला व्यक्ति हूं। राजनीति को एक परिवार की मुट्ठी में समेट देना मेरे स्वभाव में नहीं। मुलायम सिंह जिस जाति की दुहाई देते रहते हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि मेरी आजमगढ़ की रैली में कितनी बड़ी संख्या में यादव भाइयों ने शिरकत की। दरअसल वे तो सिर्फ और सिर्फ परिवार की राजनीति कर रहे हैं। सपा मुझे चाहे जितनी कोसती-गालियां देती रहे, मैं राजनीति छोड़कर जाने वाला नहीं हूं। मैं पारदर्शी सियासत का पक्षधर हूं। सियासत में मेरा जो कुछ है, सपा में रहने के दिनों में भी बिल्कुल साफ था, आज भी है। सियासत में कोई किसी का व्यक्तिगत दोस्त-दुश्मन नहीं होता, विचार और एजेंडे की दोस्ती-दुश्मनी होती है। यही वजह है कि मेरे अलग राज्यों के गठन के एडेंडे और विचार से लोग तेजी से जुड़ते जा रहे हैं। रामपुर, बरेली, आजमगढ़, मथुरा की रैलियां इसकी गवाह हैं। मेरी सियासत के आने वाले दिन और शानदार होंगे। अब मेरा अभियान, मेरा ये कारवां रुकने वाला है, झुकने वाला। सपा के पाले हुए ठाकुर मोहन सिंह मेरे ऊपर बौछार करते रहें, वह अपनी कथनी से खुद बौने साबित हो चुके हैं। उनके वक्तव्यों ने सपा के ओछेपन की भी तस्वीर दिखा दी है। जहां तक वह मुझ पर नोएडा, गाजियाबाद में भूमि घोटाले के मिथ्या आरोप जड़ रहे हैं, मैंने जुबान खोली तो भूचाल जाएगा। मैंने कह दिया कि कोई व्यक्तिगत दुश्मनी राजनीति में नहीं होनी चाहिए, सो उसी को निभा रहा हूं, आगे भी निभाता रहूंगा। मुझ पर आरोप जड़ने वालों के बारे में जनता खुद जानती है कि राजनीति की आड़ में वे कौन-कौन-से कर्म कर रहे हैं। वह सपा पदाधिकारियों के ऊल-जुलूल बयानों से आहत हैं। ऐसा मुलायम सिंह की मर्जी से किया जा रहा है। मैंने सपा के लिए इतना कुछ किया, मेरे स्वास्थ्य के प्रति कोई संवेदना जताने की बजाय सपा के लोग बेसिर-पैर की बातें कर रहे हैं। दरअसल, मुलायम सिंह ऐसे हाथी हैं, जिनके दिखाने के दोनों दांत (अमर सिंह, जनेश्वर मिश्र) टूट चुके हैं, अब खाने के बचे हैं, उनमें भी उनके लोग दर्द भरने पर आमादा हैं। साफ बात तो ये है कि पिता-पुत्र मुलायम सिंह और अखिलेश दोनों ऐसे षडयंत्रकारियों से घिरकर फंस गए हैं कि उनके लिए खुद और कोई रास्ता नहीं बचा है। उनकी पूरी कर्म-कुंडली मेरे पास है। अमर सिंह कहते हैं कि फिलहाल, उनका अलग पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के छोटे दलों के साथ मिलकर मोर्चा बनाया जा रहा है। भारतीय समाज पार्टी, अपनादल, पीस पार्टी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय वंचित जमात पार्टी, लोकजनशक्ति पार्टी और जनवादी पार्टी उनके अलग राज्य के अभियान में शामिल हैं।

4 comments:

विवेक रस्तोगी said...

होली की शुभकामनाएँ ।

Randhir Singh Suman said...

आपको तथा आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ.nice

दीपक 'मशाल' said...

इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...

होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...

संतोष त्रिवेदी said...

holi ke bahaane hi mulaaqat hui.aur ek baat...gujhiyon se apna fata munh to band kar lo...bura na maano holi hain...