Saturday, March 6, 2010

एक बिल ने बिगाड़े कई दलों के सियासी सुर-ताल



महिला आरक्षण बिल
पर सांसदों के ताजा रुख.......

पटना में कुमार ने भाजपा-कांग्रेस
के सुर में सुर मिलाया।

दिल्ली में शरद यादव और लालू यादव
के अलग सुर।

लीडरशिप शिखर सम्मेलन में

पीएम ने सांसदों से समर्थन मांगा।

भाजपा की आपात बैठक के बाद सुषमा बोली-
ये अटल-आडवाणी के सपनों का बिल।

बिहार और यूपी की सियासत में
प्रतिद्वंद्वी दोस्ती के मोरचे पर।

महंगाई का मुद्दा दफन, कांग्रेस की
बांछें खिलीं। मार लिया मैदान।


....................खबर विस्तार से sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम पर.................


संसद क्या, पूरे देश की राजनीति इस समय महिला आरक्षण बिल और विश्व महिला दिवस के इर्द-गिर्द सिमटती जा रही है। कांग्रेस के तरकस से तीर सरीखे निकले इस आरक्षण बिल के शोर में एक और घर को घर के चिराग से आग लगती नजर आई...............

2 comments:

श्यामल सुमन said...

अच्छा व्यंग्य किया है आपने। सचमुच हालात तो यही है।

बाँटी हो जिसने तीरगी उसकी है बन्दगी।
हर रोज नयी बात सिखाती है जिन्दगी।।

गिनती में सिमटी औरत पर होश है किसे?
महिला दिवस मना के बढ़ाती है जिन्दगी।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

दिनेशराय द्विवेदी said...

यहाँ तो घर पर आने वाला हर बिल सुरताल बिगाड़ देता है।