लंदन........ दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिने जाने वाले स्टीफन हॉकिंग ने कहा है कि इस दुनिया को बनाने वाला कोई भगवान नहीं है। यह दुनिया भौतिकी के नियमों के मुताबिक अस्तित्व में आई। उनके मुताबिक बिंग बैंग गुरुत्वाकर्षण के नियमों का ही नतीजा था। स्टीफन हॉकिंग ने अपनी नई किताब में ये बातें कही हैं। गौरतलब है कि स्टीफन हॉकिंग ने 1988 में छपी अपनी बहुचर्चित किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' में कहा था कि ईश्वर का अस्तित्व अनिवार्य तौर पर विज्ञान का विरोधी नहीं है। दुनिया के बनने में ईश्वर की भूमिका को परोक्ष रूप से स्वीकार करते हुए उन्होंने उस पुस्तक में कहा था, 'अगर हम संपूर्ण थियरी खोज सकें तो वह मानवीय तर्क की सबसे बड़ी जीत होगी। तभी हम ईश्वर का दिमाग समझ पाएंगे।', अपनी नई किताब 'द ग्रैंड डिजाइन' में उन्होंने ईश्वर की किसी भी भूमिका की संभावना खारिज करते हुए कहा कि ब्रह्मांड का निर्माण शून्य से भी हो सकता है। हॉकिंग की इस नई किताब धारावाहिक रूप में लंदन के 'द टाइम्स' में छप रही है। स्टीफन हॉकिंग मौजूदा दौर के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में माने जाते हैं। एक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से हॉकिंग खुद चल-फिर या बोल-सुन भी नहीं सकते। फिर भी, अपनी इच्छाशक्ति और संकल्प की बदौलत उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई और रिसर्च जारी रखी बल्कि विज्ञान की सीमाओं को भी विस्तारित किया। इस नई किताब में अपनी पुरानी धारणा से आगे बढ़ते हुए हॉकिंग ने न्यूटन के इस सिद्धांत को गलत बताया है कि बेतरतीब अव्यवस्था से ब्रह्मांड का निर्माण नहीं हो सकता। अपने इस मत की पुष्टि के लिए हॉकिंस ने 1992 में हुई उस खोज का हवाला दिया है, जिसमें हमारे सौरमंडल से बाहर एक तारे के चारों ओर घूमते ग्रह के बारे में पता चला था। हॉकिंग ने इस खोज को ब्रह्मांड की समझ में बदलाव लाने वाला क्रांतिकारी मोड़ बताया है।
Friday, September 3, 2010
दुनिया को बनाने वाला कोई भगवान नहीं...... स्टीफन हॉकिंग
लंदन........ दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिने जाने वाले स्टीफन हॉकिंग ने कहा है कि इस दुनिया को बनाने वाला कोई भगवान नहीं है। यह दुनिया भौतिकी के नियमों के मुताबिक अस्तित्व में आई। उनके मुताबिक बिंग बैंग गुरुत्वाकर्षण के नियमों का ही नतीजा था। स्टीफन हॉकिंग ने अपनी नई किताब में ये बातें कही हैं। गौरतलब है कि स्टीफन हॉकिंग ने 1988 में छपी अपनी बहुचर्चित किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' में कहा था कि ईश्वर का अस्तित्व अनिवार्य तौर पर विज्ञान का विरोधी नहीं है। दुनिया के बनने में ईश्वर की भूमिका को परोक्ष रूप से स्वीकार करते हुए उन्होंने उस पुस्तक में कहा था, 'अगर हम संपूर्ण थियरी खोज सकें तो वह मानवीय तर्क की सबसे बड़ी जीत होगी। तभी हम ईश्वर का दिमाग समझ पाएंगे।', अपनी नई किताब 'द ग्रैंड डिजाइन' में उन्होंने ईश्वर की किसी भी भूमिका की संभावना खारिज करते हुए कहा कि ब्रह्मांड का निर्माण शून्य से भी हो सकता है। हॉकिंग की इस नई किताब धारावाहिक रूप में लंदन के 'द टाइम्स' में छप रही है। स्टीफन हॉकिंग मौजूदा दौर के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में माने जाते हैं। एक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से हॉकिंग खुद चल-फिर या बोल-सुन भी नहीं सकते। फिर भी, अपनी इच्छाशक्ति और संकल्प की बदौलत उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई और रिसर्च जारी रखी बल्कि विज्ञान की सीमाओं को भी विस्तारित किया। इस नई किताब में अपनी पुरानी धारणा से आगे बढ़ते हुए हॉकिंग ने न्यूटन के इस सिद्धांत को गलत बताया है कि बेतरतीब अव्यवस्था से ब्रह्मांड का निर्माण नहीं हो सकता। अपने इस मत की पुष्टि के लिए हॉकिंस ने 1992 में हुई उस खोज का हवाला दिया है, जिसमें हमारे सौरमंडल से बाहर एक तारे के चारों ओर घूमते ग्रह के बारे में पता चला था। हॉकिंग ने इस खोज को ब्रह्मांड की समझ में बदलाव लाने वाला क्रांतिकारी मोड़ बताया है।
Thursday, August 26, 2010
जन्तर मन्तर पर 10 हजार किसान... दिल्ली में यातायात प्रभावित
उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में ज्यादा मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने गुरुवार सुबह जन्तर मन्तर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसान सुबह से ही धरनास्थल पर इकट्ठे होने लगे और दोपहर 12 बजे तक भारी संख्या में जुट चुके थे। किसानों का यह आंदोलन राजनीतिक दल राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के जुड़ जाने से और व्यापक हो गया है। किसानों की मांग है कि यमुना एक्सप्रेस वे के लिए उनकी जमीन अधिग्रहित की जा रही है लेकिन इस एवज में उन्हें समुचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। सभा को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, रालोद के अध्यक्ष अजित सिंह, बीजू जनता दल के अर्जुन चरण सेठी, तेलुगूदेशम पार्टी के नागेश्वर राव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एबी वर्धन, जनता दल (यू) के शरद यादव, लोकजनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान और अकाली दल के रत्न सिंह अजनाला संबोधित कर रह है। अपनी जमीन के बदले कम मुआवजे का विरोध कर रहे करीब 10 हजार किसान दिल्ली में जुटे हैं। आंदोलन को अजित सिंह का पूरा समर्थन है।
राहुल गांधी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे से पीएम मनमोहन सिंह को अवगत करा दिया है। किसानों की भूमि अधिग्रहण का यह मामला बेहद गंभीर है।
दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में किसान रैली के अलावा जगह जगह पानी भरने के चलते यातायात में बाधा पहुंची। दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार आईएसबीटी के निकट हनुमान सेतु को वाहन संचालन के लिए बंद कर देने के चलते वाहनों के रूख को शांतिवन-राजघाट उपमार्ग की ओर मोड़ दिया गया है। किसान रैली के चलते अजमेरी गेट, रामलीला मैदान से रणजीत सिंह फलाईओवर, बाराखंभा रोड, टॉलस्टाय रोड, केजी मार्ग, जनपथ और संसद मार्ग सहित विभिन्न रास्तों पर यातायात प्रभावित हुआ है।
Wednesday, August 25, 2010
सुर्वे रिपोर्ट दैनिकभास्कर... सांसदों के काम की तुलना में ज्यादा है वेतन बढ़ोतरी
Sunday, August 22, 2010
पूर्व विदेश राज्यमंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर रविवार सुबह केरल में अपनी दोस्त सुनंदा पुष्कर के साथ विवाह बंधन में बंध गए।
दोनों की शादी थरूर के पुश्तैनी नगर पलक्कड़ में पूरे रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। थरूर और सुनंदा ने सुबह करीब ८.30 बजे एक दूजे के गले में जयमाल डाली। इससे पहले थरूर ने सुनंदा को मंगल-सूत्र पहनाया।
Friday, August 20, 2010
सांसदों का वेतन तीन गुना बढ़ाकर 50,000 रुपए
समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) तथा अन्य दलों के सांसदों ने कम वेतन वृद्धि का विरोध किया और मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित वेतन वृद्धि को वापस लेने की मांग की।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने विरोध की शुरुआत की। उन्होंने सांसदों को सचिव के वेतन से एक रुपए अधिक 80,001 रुपए प्रतिमाह वेतन देने की मांग की।
सांसद 'हमारा वेतन वापस लो, वापस लो, वापस लो' के नारे लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन के समीप खड़े हो गए। लालू प्रसाद ने आरोप लगाया कि कम वेतन बढ़ाकर सरकार ने सांसदों का अपमान किया है।
मीरा कुमार ने जब लालू प्रसाद से अपनी सीट पर बैठने और प्रश्नकाल को ठीक ढंग से चलने देने को कहा तो प्रसाद ने जवाब दियाकि संसदीय समिति ने वेतन 80,001 रुपए करने की सिफारिश की थी। यह अपमान है। हम इस पर शांत कैसे बैठ सकते हैं।
अध्यक्ष ने बार-बार आग्रह किया कि इस मुद्दे को शून्यकाल के दौरान उठाया जाए लेकिन हंगामा करने वालों ने उसे अनसुना कर दिया। इसके बाद मीरा कुमार ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।
सांसदों का वेतन इस समय 16,000 रुपए प्रतिमाह है। संसदीय समिति ने उनका वेतन 80,001 रुपए प्रतिमाह करने की सिफारिश की थी। इसके विपरीत संसदीय कार्य मंत्रालय ने सांसदों का वेतन 50,000 रुपए प्रतिमाह करने का सुझाव दिया।
संसदीय समिति का कहना था कि सांसदों को सचिव के वेतन से कम से कम एक रुपए अधिक वेतन मिलना चाहिए। वेतन के अलावा सांसदों को संसद या संसदीय कार्यवाहियों में हिस्सा लेने पर हर रोज 1,000 रुपए दैनिक भत्ता मिलता है। सांसदों को प्रतिमाह 20,000 रुपए संसदीय क्षेत्र भत्ता और 20,000 रुपए कार्यालय भत्ता भी मिलता है।
Thursday, August 19, 2010
ममता बनर्जी के बयान पर राज्यसभा में हंगामा
Wednesday, August 18, 2010
कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी की एक साल की कमाई 8 अरब रुपये
संसदनामा