Monday, September 29, 2008

चिट्ठाकारों से एक छोटी-सी गुजारिश

चिट्ठों जगत में खलबली मचाए हुए ज्यादातर लोगों के भीतर देश-समाज के हालात अथवा आदमी-से-आदमी की बढ़ती दूरियों को लेकर अथाह बेचैनियां होती हैं, जो कमोबेश रोजाना ही इस रचना संसार के हजारों-लाखों पाठकों द्वारा पढ़ी-पढ़ायी और सराही जाती हैं।
इस रचना-संसार के लिए कितने अच्छे संकेत हैं कि इधर कुछ महीनों से हिंदी प्रिंट मीडिया भी चिटठाकारों को अपने पन्नों पर अपेक्षित स्थान देने लगा है। फिर इतने-से काम कहां चल पा रहा है। श्रमसाध्य और सुपठनीय ढेरो सामग्री हिंदी पाठकों तक पहुंचने से रह जाती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों पाठकों तक पहुंच रहा नवप्रकाशित समाचार साप्ताहिक
जागता शहर भी चाहता है कि अपने हर अंक में चिट्ठाकारों की दुनिया से अपने सुधी पाठकों को परिचित कराता रहे। अन्य समाचार पत्रों की अपेक्षा फर्क सिर्फ इतना होगा कि हम पूरे सप्ताह की चुनिंदा पांच चिट्ठाकारियां ससम्मान लोगों तक पहुंचा सकेंगे।
साथ ही, उसे इस ब्लॉग
chitthanama.blogspot.com पर भी प्रस्तुत किया करेंगे। इसी क्रम में आगे विचारणीय है कि चिट्ठाकारों के लिए साल में एक बार कोई भव्य मुलाकाती आयोजन किया जाए।
चिट्ठाकारों से एक छोटी सी गुजारिश है कि वह जागता शहर के इस प्रयास को अपने रचना-संसार की एक साझेदारी के रूप में लें ताकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उसके लाखों पाठक भी, जो इंटरनेट की दुनिया से बहुत दूर हैं, पढ़ने-पढ़ाने से अछूते न रहें।

11 comments:

बवाल said...

ठीक कहते हैं आप . हम आपके साथ हैं .

Abhivyakti said...

vichaar badhiya hai .

संगीता पुरी said...

बहुत अच्छी सोंच है आपकी.... हमलोग आपके साथ हैं.... शुभकामनाएं।

seema gupta said...

"very good efforts, wish u good luck"

Regards

Nitish Raj said...

अच्छा प्रयास है पर बस जारी रखें। हम आपके साथ हैं।

हिन्दुस्तानी एकेडेमी said...

आप हिन्दी की सेवा कर रहे हैं, इसके लिए साधुवाद। हिन्दुस्तानी एकेडेमी से जुड़कर हिन्दी के उन्नयन में अपना सक्रिय सहयोग करें।

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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥


शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। हार्दिक शुभकामना!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
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amarnath said...

bahut hi badhiya

BrijmohanShrivastava said...

ब्लॉग में अपना नाम पता न लिखने के क्या कारण होते हैं जब कि हम अच्छा काम कर रहे है , किसी को अथवा सहित्य को क्षति नहीं पहुचा रहे ,किसी को गलत टिप्पणी नहीं दे रहे तो अपना नाम पोस्टल एड्रेस , टेलीफोन नम्बर ब्लोगर क्यों नहीं देते हैं न अपना फोटो ही देते है =कृपया आप बतलाएं ,नया नया आया हूँ =आप विद्वानों से ही जानकारी मिल पायेगी

योगेन्द्र मौदगिल said...

बंधुवर
कुछ निरंतर प्रतियां निम्न पते पर भिजवाएं

योगेन्द्र मौदगिल
२३९३-९४ न्यू हाउसिंग बोर्ड सैक्टर १२ पानीपत १३२१०३ हरियाणा

रचनात्मक सहयोग मिलेगा निश्चिंत रहें

admin said...

आपकी इच्छा बहुत शुभ है। इस हेतु आप बधाई के पात्र हैं।

Kavita Vachaknavee said...

बधाई।


मेरे http://streevimarsh.blogspot.com
वाले ब्लॊग पर हंस के सम्पादक वाले आलेख को आपने अपने पत्र में प्रकाशित करने हेतु पूछा था।

आप उसे सहर्ष प्रकाशित कर सकते हैं।

१) आलेख की लेखक सुश्री सुधा अरोड़ा हैं।

२) ब्ळोग का सन्दर्भ व लिंक प्रकाशन में दे दें।

आभार!