Sunday, September 14, 2008

एक शहर में जागता शहर

हिंदी दिवस पर
पहली बार पढ़ रहे हैं
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पचास हजार लोग
धमाकेदार हिंदी समाचार साप्ताहिक का पहला हाईली सर्कुलेटेड अंक (14 से 20 सितंबर)


टॉप स्टोरी........
मथुरा का रहने वाला था फौजी अशोक। जम्मू-कश्मीर में सेना के 10 गारद में सैनिक की हैसियत से तैनात था। 2 दिसंबर 2002 को आतंकवादियों से मुठभेड़ में उसके अन्य फौजी साथी मार दिए गए। वह जख्मी हुआ। बच गया। 8 जून 2005 को वह एक शादी में घर आया और मथुरा पुलिस के एक अफसर ने उसे अपराधी बनने पर मजबूर कर दिया। आखिरकार उसे एक मुठभेड़ में बदमाश करार देकर मार गिराया गया।

भंवर में भारती...
नारी-निकेतन में कैद एक मराठी युवती की लोमहर्षक दास्तान। जिसे कोठे तक का सफर तय करना पड़ा। छापे में मुक्त हुई तो कोर्ट में उसने कहा कि अब वह घर नहीं जाना चाहती। क्यों?

जिस्म फरोश मंगला मुखी...
ताजनगरी में देह व्यापार की नयी कहानी। यहां आते हैं दुनिया भर के टूरिस्ट। यहां मंगलामुखियों (हिजड़ों) का एक वर्ग जिस्म फरोशी के धंधे में आ गया है। पार्कों, होटलों और घरों में रातें रंगीन करने लगा है। जिंदगी की जंग में कौन देगा उनका साथ!!

....तो इस तरह आया ताजनगरी में जागता शहर साप्ताहिक का पहला अंक अपने 50 हजार पाठकों के बीच। तहलका मचाते हुए। मीडिया जगत के कान खड़े़।


साथ में महिलाओं का पन्ना आभा, खेल जगत का स्कोर बोर्ड
और फिल्म का क्लोज अप

देखिए
आगे-आगे
होता है क्या, अब
मंगलामुखी मीडिया के
बाजारवादी आयामों का!!!!!!!

धड़कने तेज...
अभियान चरम की ओर।
टारगेट...
चार अंक तक पहुंचते-पहुंचते पाठक संख्या एक लाख!

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन 31 जिलों में....
जहां देश की दो बड़ी न्यूज मैग्जीनों का टोटल प्रसार मात्र साढ़े आठ हजार है।

जो जागे, सो आगे...
जागता शहर

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