Sunday, June 8, 2008

अदभुत नाटककार देखिए...

तेल देखिए
और तेल की धार देखिए।

हरदम प्राइस-वार देखिए,
ओपेक की हुंकार देखिए,
तरह-तरह की कार देखिए,
अद्भुत नाटककार देखिए,
दिल्ली की सरकार देखिए,
महंगाई की मार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

चोट्टों का व्यापार देखिए,
बुश-मुश जैसे यार देखिए,
मालदार अय्यार देखिए,
डालर की झंकार देखिए,
रुपया दांत-चियार देखिए,
चोरों की भरमार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

गाड़ी धक्कामार देखिए,
मचता हाहाकार देखिए,
दौलत के अंबार देखिए,
जालिम जोड़ीदार देखिए,
भीतर-भीतर प्यार देखिए,
बाहर से तकरार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

पंडों के त्योहार देखिए,
पब्लिक अपरंपार देखिए,
मुफलिस की दरकार देखिए,
लोकतंत्र लाचार देखिए,
कानूनी हथियार देखिए,
संविधान बेकार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

गद्दी पर गद्दार देखिए,
वोटर पर उपकार देखिए,
सबके सिर तलवार देखिए,
बिना नाव पतवार देखिए,
फांके से बीमार देखिए,
फांसी पर दो-चार देखिए, .....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

संकट के आसार देखिए,
लोग फंसे मझधार देखिए,
उजड़े घर-परिवार देखिए,
घीसू-माधव भार देखिए,
धनिया की चिग्घार देखिए,
गोबर की अंकवार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

सिंहासन पर स्यार देखिए,
भरा-पुरा संसार देखिए,
खूब मचाये रार देखिए,
फिर जूतम-पैजार देखिए,
लुच्चों की ललकार देखिए,
गुंडों के सरदार देखिए,
खादी में अवतार देखिए .....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

विश्वबैंक बटमार देखिए,
सूदखोर दुमदार देखिए,
जुड़े तार-बे-तार देखिए,
दोनो हाथ उधार देखिए,
अमरीकी दुत्कार देखिए,
चिदंबरम की लार देखिए,
भारत का भंडार देखिए,
कर्जे से गुलजार देखिए,
होते बंटाढार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

अय्याशी उस पार देखिए,
फिल्मी पॉकेटमार देखिए,
पर्दे पर पुचकार देखिए,
गंदे गीत-मल्हार देखिए,
एक नहीं सौ बार देखिए,
सांस्कृतिक उद्धार देखिए,
खुले नर्क के द्वार देखिए,
सेक्सी कारोबार देखिए.....तेल देखिए, और तेल की धार देखिए।

.....जागते रहो सोने वालों!

5 comments:

36solutions said...

अपने नाम को सार्थक कर रहे हैं भाई साहब आप, करारी मार समाज में व्याप्त कलंखों पर,
धन्यवाद ।


आरंभ

tarun mishra said...

नियाजे -इश्क की ऐसी भी एक मंजिल है ।
जहाँ है शुक्र शिकायत किसी को क्या मालूम । ।

बालकिशन said...

वाह! वाह!
बहुत खूब!

sanjay patel said...

क्या देखिये क्या ना देखिये
अवाम के आँसू चार देखेये

Udan Tashtari said...

वाह, क्या क्या दिखा गये. पूरी प्रदर्शनी ही लगा दी-बहुत उम्दा कटाक्ष, बधाई.