Monday, April 19, 2010

आडवाणी से देर बतियाते रहे लालू


sansadji.com

कभी लालकृष्ण आडवाणी का रथ रोकने वाले राजद अध्यक्ष एवं सारन (बिहार) के सांसद लालू प्रसाद यादव आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से कुछ समय पहले भाजपा के इस वरिष्ठ नेता से काफी देर तक बतियाते देखे गए। लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने से कुछ समय पहले लालू ने अपनी सीट से उठकर विपक्ष की बेंच में सबसे आगे बैठे आडवाणी के पास जाकर हाथ जोड़कर नमस्कार किया और बातचीत करने लगे। पहले आडवाणी और लालू के बीच कुछ देर बातचीत होती रही और उसके बाद इसमें विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और शाहनवाज हुसैन भी शामिल हो गए। कुछ देर बाद लालू प्रसाद की किसी बात पर सभी ने जोरदार ठहाका लगाया। उधर, लोकसभा में आज केन्द्र सरकार ने साफ शब्दों में कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध संबंधी हैंडरसन ब्रुक्स रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा क्योंकि यह बेहद गोपनीय दस्तावेज है। रक्षामंत्री ए. के. एंटनी ने लोकसभा में मनीष तिवारी के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि हेंडरसन ब्रुक्स रिपोर्ट भारतीय सेना द्वारा किए गए आंतरिक अध्ययन पर आधारित एक बेहद गोपनीय दस्तावेज है जिसकी विषय सामग्री न न केवल अत्यधिक संवेदनशील है, बल्कि आज भी इसका महत्व है। जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान के साथ 1947 के युद्ध का शासकीय ऐतिहासिक रिकार्ड संकलित किया गया है और यह 1987 से सार्वजनिक जानकारी क्षेत्र में हैं। अन्य ऐतिहासिक रिकाडरे के संकलन का कार्य 1965 के युद्ध से शुरू करते हुए किया गया है। लोकसभा में मीना सिंह के प्रश्न के उत्तर में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने बताया कि सभी डाक उत्पादों का समय पर वितरण संबंधी मानदंडों को शत-प्रतिशत पूरा नहीं किया जा सकता है और इस संबंध में कुछ शिकायतें भी प्राप्त होती हैं लेकिन कामकाज में सुधार लाने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। कभी-कभी डाक लाने-ले जाने के लिए एयरलाइन्स, रेलवे, सड़क परिवहन आदि बाहरी एजेंसियों पर निर्भरता तथा ग्राहकों के गलत एवं अपूर्ण पते एवं पिनकोड के उपयोग नहीं किये जाने के लेकर डाक वितरण में देर होती है। इसके अलावा प्राप्तकर्ता के मौजूद नहीं होने, आवास परिवर्तन की जानकारी नहीं देने आदि से डाक पहुंचने में देरी होती है। मंत्री ने इस बात से इंकार किया कि डाककर्मियों की संख्या में कमी के कारण डाक वितरण में देरी होती है। उन्होंने कहा कि मृत्यु, सेवानिवृत्ति, छुट्टी, इस्तीफा आदि सामान्य कारणों से कर्मचारियों की संख्या में होने वाली कमी को नियमित भर्ती के माध्यम से पूरा किया जाता है। अभी डाक विभाग के कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 69 हजार है जबकि ग्रामीण डाक सेवकों को सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाता है। ग्रामीण डाक सेवकों के भत्ते में वृद्धि की जा रही है ताकि सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके। संचार और सूचना तकनीक मंत्री गुरूदास कामत ने लोकसभा में भृतुहरि मेहताब के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि केन्द्र सरकार भारतीय डाक अधिनियम में संशोधन करेगी। मौजूदा भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 के स्थान पर नया डाकघर अधिनियम लाने का निर्णय किया गया है। प्रस्तावित डाकघर विधेयक अभी तैयार किया जाना है, जिसके लिए अभी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है। डाक पारेषण और वितरण के कामकाज की जांच से संबंधित 56 जांच पत्र 28 संसद सदस्यों को भेजे गए हैं। लोकसभा में भोला सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में कामत ने कहा कि जिन 28 सांसदों को जांच पत्र भेजे गए, वे सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं। इस संबंध में 56 जांच पत्र सांसदों के दिल्ली एवं उनके संबंधित राज्यों के आवासीय पतों पर भी भेजे गए। यह पत्र 18 नवंबर 2009 को पोस्ट किये गए। मंत्री ने हालांकि स्वीकार किया कि सांसदों तक पत्र पहुंचने में कुछ मामलों में विलम्ब देखा गया।

1 comment:

Udan Tashtari said...

उनकी बात पर ठहाका न लगे ये भला कैसे हो सकता है. :)