Tuesday, April 20, 2010

ललित मोदी दिल्ली तलब, पवार दबाव में


sansadji.com

अब केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार दबाव में हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र के बाद ललित मोदी के इस्तीफा देने की खबरों के बीच बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने आईपीएल कमिश्नर को दिल्ली तलब कर लिया है। बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की ओर से दुबई में आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भाग लेकर मुंबई लौटे मोदी आज पवार से मुलाकात करेंगे। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि मौजूदा आईपीएल विवाद के मद्देनजर पवार मोदी से मिलकर हालात का जायजा लेंगे। पवार ने इससे पहले मनोहर और सांसद अरुण जेटली से मुलाकात की। अब आईपीएल विवाद में कई और नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं। आईपीएल की टीमों में कुछ नेताओं के भी निवेश करने की रिपोर्ट आने के बाद महाराष्ट्र और केंद्र में सत्ताधारी प्रमुख घटक दल एनसीपी के कई नेताओं को सफाई देनी पड़ी है। एनसीपी सांसद और कृषि मंत्री शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने आईपीएल में अपने पति या परिवार के किसी सदस्य के शामिल होने से आज साफ इंकार किया। सुप्रिया ने कहा कि मेरा आईपीएल के पैसे से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे पति का सदानंद सुले या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य का आईपीएल फ्रैंचाइजी से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी आम भारतीय की तरह मेरे पति को भी क्रिकेट पसंद है। बस इतनी सी बात है। सुप्रिया ने इस बात से भी इंकार किया कि आईपीएल विवाद से कांग्रेस और एनसीपी गठजोड़ पर कोई असर होगा। उन्होंने कहा कि गठजोड़ मजबूत है, क्योंकि यह अच्छे शासन और देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मैं नहीं मानती कि आईपीएल मुद्दे से गठजोड़ पर कोई असर होगा। आईपीएल पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह किसी भी चीज पर प्रतिबंध के खिलाफ है। केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी आईपीएल से किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मेरी बेटी आईपीएल के लिए काम करती है, इस वजह से बेवजह मुझे इस मुद्दे से जोड़ा जा रहा है। उधर, प्रमुख विपक्षी भाजपा ने आज कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बात के लिए 'बाध्य' करेगी कि वह शशि थरूर का इस्तीफा स्वीकार करने के कारण बताएं। राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने मंगलवार को यहां संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि शशि थरूर पहले ही लोकसभा में वक्तव्य दे चुके हैं। हम देखेंगे कि आज वह कोई स्पष्टीकरण देते हैं या नहीं। अगर उनके स्पष्टीकरण से कुछ निकल कर आता है, तो हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बात के लिए बाध्य करेंगे कि वह इस्तीफा स्वीकार किए जाने के कारण स्पष्ट करें। उनसे पूछा गया था कि क्या थरूर के लोकसभा में कोई स्पष्टीकरण दिए जाने की स्थिति में भाजपा उन्हें ऐसा करने की अनुमति देगी। भाजपा ने मंगलवार सुबह संसदीय दल की अपनी बैठक में थरूर के इस्तीफे के मुद्दे को आगे उठाने का फैसला किया। पार्टी उस जांच का विवरण भी मांगेगी, जिसके बाद सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया। उधर, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर उठे विवाद के कारण कुर्सी गंवाने वाले पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे तो इस्तीफे की पेशकश के समय प्रधानमंत्री भावुक हो गए थे लेकिन उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। थरूर के करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार जब थरूर ने इस्तीफे की पेशकश की थी तो प्रधानमंत्री भावुक हो गए थे। वह निजी तौर पर उन्हें पसंद करते हैं लेकिन विपक्ष के दवाब के कारण प्रधानमंत्री को इस्तीफा स्वीकार करना पड़ा। संसदीय कार्यवाही को जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री को थरूर का इस्तीफा स्वीकार करना पड़ा। प्रधानमंत्री शनिवार को जब ब्राजीलिया से स्वदेश आ रहे थे, तब उनसे संसद में थरूर मसले पर हुए हंगामे पर सवाल पूछा गया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। थरूर को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का था। थरूर पहली बार सांसद चुने गए हैं। उन्होंने तिरुवनंतपुरम से भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। सामान्यतौर पर पहली बार चुनाव जीतने वाले सांसदों को मंत्री पद नहीं मिलता है लेकिन थरूर का मामला अपवाद था। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मामलों में गहरी पैठ रखने की वजह से विदेश राज्य मंत्री का पद दिया गया था।

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