Sunday, April 18, 2010
घर-भीतर भी जूझ रही कांग्रेस
sansadji.com
बाहर से प्रहार तो हो ही रहे हैं, कांग्रेस घर के घमासान से भी कुछ कम नहीं जूझ रही। इसी अंदरूनी खींचतान के चलते एआईसीसी में फेरबदल स्थगित कर दिया गया है। दिग्विजय सिंह ने पी.चिदंबरम पर प्रहार कर दिया है। महिला आरक्षण बिल, शशि थरूर प्रकरण, राज्य कमेटियों में खींचतान आदि मसलों ने पार्टी रणनीतिकारों को अभी चुप्पी साधने को मजबूर किया है।
पार्टी तथा सरकार को जहां कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) में फेरबदल में और लंबा समय लगता नजर आ रहा है। शशि थरूर..आईपीएल विवाद और नक्सली समस्या के मुद्दे पर गृहमंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ एआईसीसी महासचिव दिग्विजय सिंह की टिप्पणियों के मद्देनजर समिति में कोई भी फेरबदल की बात करता नहीं दिख रहा। बहुप्रतीक्षित फेरबदल थोड़े समय के लिए लंबित किया गया था लेकिन हालिया विवादों ने सुनिश्चित कर दिया है कि एआईसीसी में परिवर्तन में अब अधिक समय लगेगा। इस समय पार्टी अनुक्रम में लगभग आधा दर्जन पद रिक्त पड़े हैं लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया कि फेरबदल स्थगित कर दिया गया है। सीटों को भरने और एक व्यक्ति एक पद के नियम को अपनाने की कोई राजनीतिक जल्दबाजी नहीं है क्योंकि इस साल के अंत में बिहार विधानसभा के सिवाय कोई चुनाव नजदीक नहीं है। संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में चार पार्टी महासचिवों गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, पृथ्वीराज चव्हाण और वी नारायणस्वामी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया था जिससे पार्टी के काम पर ध्यान देने के लिए उनके पास कम समय बचता है।
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