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लोकसभा में सदस्यों ने सेंट्रल स्कूलों में बच्चों के दाखिले में सांसदों का विवेकाधीन कोटा खत्म करने को लेकर पार्टी लाइन से हटकर हंगामा किया। इस दौरान केंद्रीय एचआरडी मंत्री कपिल सिब्बल के सामने विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी शोरगुल मचाया। पिछले वर्ष तक सांसद अपने कोटे से सेंट्रल स्कूल में दो-दो छात्रों को प्रवेश दिला सकते थे। इस कोटे को खत्म करने का कारण पूछने पर सिब्बल ने तर्क दिया कि आंकड़ों के अनुसार जहां एक छात्रों को प्रवेश दिया जाना था वहां 900 छात्रों को प्रवेश दिया गया। ये स्कूल केंद्र सरकार के कर्मियों के बच्चों के लिए खोले गए हैं जिनका देशभर में ट्रांसफर होता रहता है। सिब्बल ने कहा कि कोटे की वजह से पूरी योजना का मकसद ही विफल हो गया था। इसके बाद सदन में जबरदस्त हंगामे की स्थिति बन गई। सिब्बल के बयान से असंतुष्ट सत्ता पक्ष तक के कुछ सांसदों ने हंगामा किया। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार उनसे सदन में व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह करती रहीं। सांसदों के जबरदस्त विरोध के बीच ही प्रश्नकाल भी समाप्त हो गया। बाद में एचआरडी राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर बताया कि एचआरडी मंत्री के विवेकाधीन कोटे के तहत 1865 छात्रों तथा सांसदों के कोटे के तहत भी छात्रों का दाखिला किया गया था। अगले साल से इस कोटे को खत्म कर दिया गया है।
1 comment:
सही हुआ!
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