Friday, April 23, 2010

लोकसभा में गूंजा आदिवासी मंगरी देवी का मामला


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लोकसभा में आज भाजपा सांसद अजरुन मुंडा ने आदिवासी कार्य मंत्रालय की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान झारखंड की आदिवासी मंगरी देवी का मामला उठाया, जिसकी जमीन रेल परियोजना के लिए अधिगृहीत की गयी और उसे मामूली मुआवजा दिया गया। मंगरी देवी की एक एकड़ 13 डेसीबल भूमि को रेलवे अधिगृहीत कर रही है और उसे मुआवजा केवल 1848 करोड़ रूपये दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंगरी देवी की झारखंड के रामगढ स्थित यह उसकी पुश्तैनी जमीन है। जमीन छिनने पर उसके खानदान का क्या होगा और उसका जवान बेटा क्या सोचेगा। मुंडा ने आरोप लगाया कि पूरे देश में कमोवेश यही हालात हैं। उनकी इस दलील का हालांकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने प्रतिवाद किया। मुंडा ने सधे हुए उदाहरण देते हुए आदिवासियों को मिले धन आवंटन को राजा भोज और गंगू तेली की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह भोजन में चटनी होती है, उसी तरह साढे आठ प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी के लिए कुल बजट का एक प्रतिशत भी आवंटन नहीं किया गया।

देश में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने पर विचार
सांसद नंदकिशोर साई के सवाल के लिखित जवाब में रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने आज राज्यसभा को बताया कि देश में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है। प्लास्टिक के पुन:संस्करण और पुन:चक्रण क्षेत्र को विकसित करने के लिए रसायन एवं पेट्रोकेमिकल विभाग ने प्लास्टिक निर्यात संबर्धन परिषद के जरिए प्लास्टिक पार्को की स्थापना की व्यावहारिकता का अध्ययन कराया है। इस संबंध में विभिन्न संबंधित पक्षों और राज्य सरकारों के अलावा उद्योग के संगठनों से भी विचार विमर्श किया गया है।

देश में पांच लाख से अधिक शिक्षकों की कमी
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने प्रकाश जावडेकर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा आज स्वीकार किया कि देश में पांच लाख 23 हजार अध्यापकों के पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि देश में तकरीबन पांच लाख 23 हजार अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं तथा अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए करीब 5.08 लाख अतिरिक्त अध्यापकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की कमी मुख्यत: राज्यों द्वारा अध्यापकों की धीमी भर्ती अध्यापक तैनाती में असंतुलन और कुछ राज्यों में निम्न अध्यापक शिक्षा क्षमता के कारण हैं। परिमल नथवानी के सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि देशभर के विभिन्न ब्लाकों में 6000 माडल स्कूल खोले जाएंगे। सरकार ने उत्कृष्टता के बैंचमार्क के रूप में प्रति ब्लाक एक स्कूल की दर से ब्लाक स्तर पर 6000 माडल स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है। शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लाकों में 2500 स्कूल स्थापित करने के लिए इस कार्यक्रम का प्रथम चरण नवम्बर 2008 में शुरू किया गया था और अभी तक 11 राज्यों में 327 माडल स्कूल मंजूर किए गए हैं।

एगमार्क के तहत 202 कृषि जिंसों के लिए मानक तय
कृषि और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थामस ने गिरीश कुमार सांगी के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी दी कि अब तक एगमार्क के तहत 202 कृषि जिंसों के लिए ग्रेड एवं मानक निर्धारित किए गए हैं। देश में 11 क्षेत्रीय एगमार्क प्रयोगशालाएं हैं और 2008.09 के दौरान एक क्षेत्रीय एगमार्क प्रयोगशाला द्वारा एक महीने में औसतन 91 जांच नमूनों का विश्लेषण किया गया। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने सोने की हॉलमार्किंग के लिए अब तक 7458 लाइसेंस मंजूर किए हैं। भारतीय मानक ब्यूरो के अनिवार्य प्रमाणन स्कीम के तहत 81 मदों को रखा गया है।

एचआईएल के प्रदर्शन और लाभांश में लगातार सुधार
राज्यसभा में आज सांसद राजकुमार धूत के पूरक प्रश्न के उत्तर में रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान इन्सेक्टिसाइड्स लि (एचआईएल) के प्रदर्शन और लाभांश में पिछले तीन वर्ष के दौरान लगातार सुधार हुआ है। लक्ष्य की तुलना में एचआईएल की उपलब्धि लगातार बेहतर हुई है। इसने अच्छा काम किया है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसके कामकाज में और अधिक सुधार होगा। बताया कि वर्ष 2007 में एचआईएल ने 191. 61 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 210 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। एचआईएल का निश्चित लक्ष्य ।.81 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने 6.52 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। वर्ष 2008 में एचआईएल ने 201.19 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 215 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। इसका निश्चित लक्ष्य दो करोड़ रूपये का वाषिर्क लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने 2.71 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। वर्ष 2009.10 में एचआईएल ने 215 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 230 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। इसका निश्चित लक्ष्य।.4 करोड़ रूपये का सालाना लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने तीन करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। एचआईएल के विनिवेश की खबरों को गलत बताते हुए जेना ने कहा कि कंपनी बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनेन्शियल रीकन्सट्रक्शन (बीआईएफआर) के दायरे में नहीं है अत: इसके सभी मुद्दों का निबटारा श्रम कानून के तहत होता है।

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