Saturday, April 24, 2010
सोमवार की संसद होगी फोन टैपिंग के नाम
sansadji.com
फोन टैपिंग मामले पर संसद में आवाज बुलंद करने की विपक्ष की तैयारी के बीच सरकार ने आज कहा है कि मामले की ‘जांच’ की जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं। हमने इस पर ध्यान दिया है और इसकी पड़ताल कर रहे हैं। अंग्रेजी की एक प्रमुख साप्ताहिक समाचार पत्रिका ने दावा किया है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार और माकपा महासचिव प्रकाश करात समेत कुछ बड़े नेताओं के फोन टैप किए गए हैं। राजनीतिक दलों ने इसके लिए सरकार की आलोचना की है। राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एस एस अहलूवालिया ने कहा है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को संसद में सोमवार को उठाएगी। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है जो प्रत्येक नागरिक के जीवन और आज़ादी की रक्षा का भरोसा दिलाता है। माकपा नेता करात ने कहा है कि संप्रग सरकार राजनीतिक नेताओं की फोन टैपिंग का सहारा ले रही है जो गैर कानूनी और अस्वीकार्य है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उधऱ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा है कि उनके सरकारी बंगले में किसी भी प्रकार का फोन टैपिंग अवैध और अलोकतांत्रिक है। यह पूरी तरह अवैध है। इस प्रकार का कृत्य बहुत ही खतरनाक और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक आघात है। उनसे एक पत्रिका में छपी इस रिपोर्ट में प्रतिक्रिया मांगी गयी थी कि कुमार समेत कुछ नेताओं के फोन टैप हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद को सफाई देनी चाहिए। नीतीश कुमार आग बबूला होते हुए कहते हैं कि मैं उन लोगों से जानना चाहूँगा कि आखिर मुझ जैसे व्यक्ति से क्या खतरा है जो इस तरह का फोन टैपिंग किया जा रहा है। क्या मैं देश के लिए खतरा हूँ? आखिर क्यों वो लोग ऐसा कर रहे है? ये बहुत ही गलत बात है और अलोकतांत्रिक है।
विपक्ष फोन टैंपिग के मामले में खासा नाराज है। फोन टैपिंग मामला एक बड़ा विवाद बनता दिख रहा है और इसको लेकर जिस तेजी से सियासी ध्रुवीकरण हो रहा है उससे केंद्र की मनमोहन सरकार मुश्किल में फंसती दिख रही है। विपक्ष के नेता सीताराम येचुरी कहते हैं कि दरअसल फोन टैपिंग का मामला ऐसे समय में सामने लाया जा रहा है, जब आईपीएल विवाद के चलते केंद्र के कई मंत्री विवादो के घेरे में है। ऐसा लगता है कि आईपीएल विवाद से ध्यान हटाने के लिए फोन टैपिंग का मामला सामने लाया गया है। भाजपा ने फोन टैपिंग मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस जघन्य अपराध करार दिया है। मुलायम सिंह ने फोन टैप कराए जाने को मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया है और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। जद यू ने भी इस पूरे मामले पर कड़ा रूख अपनाते हुए केंद्र की मनमोहन सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा है कि क्या राज्य का मुख्यमंत्री देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है? यह भी उल्लेखनीय होगा कि 2008 में भी केंद्र सरकार ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए फोन टैपिंग का सहारा लेने का प्रयास किया था। आईपीएल विवाद में अपने केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के इस्तीफे से आहत केंद्र सरकार ने शरद पवार और आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के फोन टैप कराए हैं।
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