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भले ही देश में आईटी मंत्रालय गठित हो गया हो और प्रौद्योगिकी मंत्री बन गए हों, लेकिन देश की संसद में तो स्वर्गी प्रधानमंत्री राहुल गांधी के सपने आज भी ताक पर जमी धूल में डूबे हुए हैं। ज्यादातर सांसदों को घरेलू स्तर पर कंप्यूटर-नेट सुविधाएं दी हुई हैं, लेकिन उस पर गेम चलता रहता है। ज्यादातर सांसद कंप्यूटर या नेट सर्चिंग ही नहीं जानते। संसदीय व्यवस्था का ये हाल है कि ज्यादातर सांसदों के ई-मेल पते तक नहीं बने हैं। जिनके बने हैं, उन्हें कभी खोलकर देखा नहीं जाता है। यानी हमारे सांसद लोग सदन में चाहे जितनी बक-बक करें, मीडिया के कैमरों के सामने जितना कूद-कूदकर आंखें झपकाएं, कंप्यूटर की दुनिया से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। आज भी 'दादा कहे सिर्फ सरसों लादा' की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। इस हकीकत को जानना है तो ये भी जान लीजिए कि सांसदों की इन्हीं कमजोरियों को दूर करने के लिए राज्य सभा सचिवालय द्वारा एन.आई.सी. के सहयोग से 26 से 30 अप्रैल, तक प्रतिदिन दो सत्रों में एफ बी-15, जी-ब्लॉक, संसदीय ग्रंथालय भवन में कंप्यूटर क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। प्रात:कालीन सत्र सदस्यों के वैयक्तिक स्टाफ के लिए मध्याह्न पूर्व 11.00 बजे से मध्याह्न पश्चात् 1.00 बजे तक होगा और सायंकालीन सत्र राज्य सभा के सदस्यों के लिए मध्याह्न पश्चात् 2.30 बजे से मध्याह्न पश्चात् 5.00 बजे तक होगा। एन.आई.सी. के अधिकारी/इंजीनियर कंप्यूटर संबंधी बुनियादी प्रशिक्षण देंगे तथा सदस्यों और उनके वैयक्तिक स्टाफ को राज्य सभा की वेबसाइट और अन्य सरकारी वेबसाइटों की विशेषताओं से अवगत भी कराएंगे और इंटरनेट का लाभ उठाने अथवा कंप्यूटर संबंधी किन्हीं अन्य मामलों में पेश आ रही प्रचालनगत/तकनीकी समस्याओं का समाधान भी करेंगे। सांसदों से अनुरोध है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं। सांसद अपने वैयक्तिक स्टाफ को प्रशिक्षण सत्र के लिए भी प्रतिनियुक्त कर सकते हैं। सांसदों से अनुरोध किया गया है कि वे इस प्रकार प्रतिनियुक्त किए जाने वाले अपने वैयक्तिक स्टाफ को इस आशय का प्राधिकार पत्र दें। वैयक्तिक स्टाफ के ऐसे कर्मचारी जिनके पास प्रवेश पत्र नहीं हैं, उन्हें प्राधिकार पत्र के साथ पी एल बी स्वागत कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दें ताकि उन्हें प्रवेश मिल सके।
(कुछ माह पहले रिफ्रेश-अपडेट न होने तक लोकसभा-राज्यसभा सांसदों की बेव दुनिया की हकीकतें कुछ इस प्रकार रही हैं )
ये सच तो भारत के सिर्फ छह राज्यों के सांसदों और राज्यसभा सदस्यों के बारेमें है। पूरे देश का ब्योरा और ज्यादा चौंकाने वाला है। छह राज्यों यूपी, बिहार, राजस्थान, एमपी, उत्तरांचल, हरियाणा के सिर्फ 38 सांसदों के ई-मेल पते वेबसाइट पर हैं। यानी सांसद जी की वेब दुनिया कंगाल है।
यह सच्चाई जितनी गौरतलब और चिंताजनक कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणीऔर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के लिए है, उतनी ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह, बसपा अध्यक्ष मायावती, रालोद मुखिया चौ.अजित सिंह, भाजपाध्यक्ष राजनाथ, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए भी हो सकती है।कहने को तो हाईटेक दुनिया का ताकतवर हिस्सा हो चुका है हिंदुस्तान, लेकिन देश का नेतृत्व करने वाले सांसद, राज्यसभा सदस्य, यहां तक उनके अग्रिम पंक्ति के वरिष्ठतम नेताओं के बारे में भी आज तक अपेक्षित ऑन लाइनव्यवस्था नहीं हो सकी है। यह एक बड़ा सवाल हो सकता है कि किस विभाग की उदासीनता से संसद औरराज्यसभा की वेबसाइटों का ये दयनीय हाल है? देश की सबसे बड़ी लोक-पंचायत लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइटों पर इस समय देश की हिंदी पट्टी के छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल औरहरियाणा के कुल 189 सांसदों में से सिर्फ 38 के ई-मेल पते उपलब्ध हैं। ऊपरी सदन राज्यसभा की स्थिति तो भीइससे बेहतर कही जा सकती है। हिंदी पट्टी के इन्हीं छह राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्वाचित 76 सदस्यों में सेके ई-मेल पते राजकीय वेब साइट पर दिए गए हैं। यहां भी 26 राज्यसभा सदस्यों के ई-मेल पते नदारद हैं।हिंदी पट्टी के इन छह राज्यों के कुल 265 सांसदों, राज्यसभा सदस्यों में सिर्फ 88 के ई-मेल पते दोनों सदनों कीवेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए कांग्रेस के राहुल गांधी, राजाराम पाल, कमल किशोर, जगदंबिका पाल, सलमानखुर्शीद, बेनीप्रसाद वर्मा, प्रदीप कुमार जैन आदित्य, जफर अली नकबी, हर्षवर्धन, मोहम्मद अजहरुद्दीन, विजयकुमार पांडेय, डॉ.संजय सिंह, अन्नू टंडन, उत्तरांचल से सांसद चुने गए कांग्रेस के विजय बहुगुणा, सतपालमहाराज, प्रदीप टमटा, केसी सिंह बाबा और हरीश रावत,राजस्थान से कांग्रेस सांसद चुने गए खिलाड़ी लाल मीणा, ताराचंद भगोड़ा, हरीश चौधरी, बद्रीराम जाखड़, सीपी जोशी, महेश जोशी, लालचंद कटारिया, श्रीमती चंद्रेश कुमारी, नमोनरायण मीणा, रघुवीर सिंह मीणा, भरतराम मेघवाल, डॉ.ज्योति मिर्धा,गोपाल सिंह, अजयराज सिंह, जितेंद्रसिंह, महादेव सिंह खंडेला, रतन सिंह, हरियाणा जैसे संपन्न राज्य से कांग्रेस सांसद चुने गए इंद्रजीत सिंह राव, श्रुति चौधरी,अवतार सिंह भड़ाना, भजन लाल, अशोक तनवर, जितेंद्र सिंह मलिक, मध्यप्रदेश से कांग्रेस सांसदचुने गए सज्जन सिंह वर्मा, ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, उदयप्रताप सिंह,अरुण सुभाषचंद्र यादव,बसोरी सिंहमेश्राम, मीनाक्षी नटराजन, नरायन सिंह, कांतिलाल भूरिया, राजेश नंदिनी सिंह, प्रेमचंद्र गुड्डू के ई-मेल पते संसदकी साइट पर नहीं हैं। यदि सत्ताधारी कांग्रेस के सांसदों के वेब-पते का ये हाल है तो जाना जा सकता है कि अन्यपार्टियों के सांसदों की क्या स्थिति होगी। और तो और बिहार से जेडीयू सांसद शरद यादव, शत्रुघ्न सिह्ना (भाजपा), लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष राजद), मध्यप्रदेश से भाजपा सांसद सुषमा स्वराज, यशोधरा राजे सिंधिया, कैलाशजोशी, उत्तर प्रदेश से विपक्षी सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, उनके पुत्रअखिलेश यादव, अभिनेत्री-सांसद जयाप्रदा, भाजपा के वरिष्ठ सांसद लालजी टंडन, रालोद अध्यक्ष चौधरी अजितसिंह के पुत्र जयंत चौधरी तक के ई-मेल पते वेब साइट पर नहीं हैं। हो सकता है कि नए सांसदों के पते निकटभविष्य में उपलब्ध हो जाएं, लेकिन लंबे दौर से संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे पार्टी अध्यक्षों के प्रति ऐसी तकनीकीउदासीनता संसद और सरकार दोनों के लिए चिंतनीय और गौरतलब होनी चाहिए।
राज्यसभा सदस्यों की संसदीय वेबसाइट पर नजर डालें तो कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रीभगतसिंह कोश्यारी, जार्ज फर्नांडीज(जनता दल यू)तक के ई-मेल पते अनुपलब्ध हैं। उदासीनता का दूसराहैरतअंगेज पहलू ये है कि जिनके पते उपलब्ध भी हैं, उनसे आम आदमी को कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। यानीउन सांसदों या राज्यसभा सदस्यों की वेब साइटें या ई-मेल कभी खुलते ही नहीं। फिर जनता के ई-मेल संदेशों काजवाब मिलने का सवाल ही कहां पैदा होता है। भारत आईटी क्षेत्र में पूरी दुनिया में डंका बजा रहा है और उसकीसंसदीय तकनीकी रफ्तार का हाल ये है। लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइटों से प्राप्त जानकारी के अनुसारज्यादातर सांसदों के पते नदारद हैं। अनेक के सिर्फ नाम और गांव के पते हैं। दिल्ली में वह कहां रहते हैं, साइट सेमालूम नहीं किया जा सकता। यदि कोई पढ़ा-लिखा मतदाता चाहे कि वह संसदीय वेब साइट के भरोसे अपनेमाननीय तक पहुंच सके तो असंभव ही होगा।
उत्तर प्रदेशः 80 में सिर्फ 15 के ई-मेल पते हैं....सोनिया गांधी (कांग्रेस-रायबरेली), डॉ.मुरली मनोहर जोशीभाजपा-वाराणसी), कुंवर रेवती रमण सिंह (सपा-इलाहाबाद), अजित सिंह (रालोद अध्यक्ष-बागपत), नीरजशेखर (सपा-बलिया), पीएल पुनिया (कांग्रेस-बाराबंकी), प्रवीण सिंह ऐरन (कांग्रेस-बरेली), जितिन प्रसादकांग्रेस-धौरहरा), विजय बहादुर सिंह (बसपा-हमीरपुर), श्रीप्रकाश जायसवाल (कांग्रेस-कानपुर), रतनजीत प्रतापनरायन सिंह (कांग्रेस-कुशीनगर), डॉ.बलिराम (बसपा-लालगंज), तूफानी सरोज (सपा-मछली शहर), राजेंद्रअग्रवाल (भाजपा-मेरठ), राजकुमारी रतना सिंह (कांग्रेस-प्रतापगढ़)। हरियाणा में 10 में सिर्फ 3 के ई-मेल पतेहैं....कुमारी शैलजा (कांग्रेस-अंबाला), अरविंद कुमार शर्मा (कांग्रेस-करनाल), नवीन जिंदल (कांग्रेस-कुरुक्षेत्र)।राजस्थान में 25 में सिर्फ 4 के ई-मेल पते हैं.....रामसिंह कासवान (भाजपा-चुरू, शीशराम ओला (कांग्रेस-झुझनूं), सचिन पायलट (कांग्रेस-अजमेर), गिरिजा व्यास (कांग्रेस-चित्तौड़गढ़)। मध्यप्रदेश में 29 में सिर्फ 6 के ई-मेल पतेउपलब्ध हैं....कमलनाथ (कांग्रेस-छिंदवाड़ा), गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी (कांग्रेस-धार), सुमित्रा महाजन (भाजपा-इंदौर), देवराज सिंह पटले (बसपा-रीवा), गणेश सिंह (भाजपा-सतना), गोविंद प्रसाद मिश्रा (भाजपा-सीधी)। बिहार में 40 सांसदों में सिर्फ 10 के ई-मेल पते साइट पर हैं....दिग्विजय सिंह (निर्दल-बांका),शाहनवाज हुसैन (भाजपा-भागलपुर), कीर्ति झा आजाद (भाजपा-दरभंगा),निखिल कुमार चौधरी (भाजपा-कटिहार),मोहम्मद असरुल हककांग्रेस-किशनगंज),हुकुमदेव नरायन यादव (भाजपा-मधुबनी), जयनरायन प्रसाद निषाद (जद-यू-मुजफ्फरपुर), राधामोहन सिंह (भाजपा-पूर्वी चंपारण), मीरा कुमार (कांग्रेस-सासाराम), रघुवंश प्रसाद सिंहआरजेडी-वैशाली)। उत्तरांचल के तो पांचों सांसदों में से किसी का भी ई-मेल पता उपलब्ध नहीं है।
जहां तक राज्यसभा की बात है, इस सदन के लिए उत्तर प्रदेश के 31 में 18 सदस्यों के ई-मेल पते साइट परहैं......कमल अख्तर (सपा), मुनकाद अली (बसपा), जया बच्चन (सपा), अखिलेश दास गुप्ता, विनय कटियारभाजपा), महमूद अहमद मदनी (रालोद), महेंद्र मोहन (सपा),जनेश्वर मिश्रा (सपा),कलराज मिश्रभाजपा),सतीशचंद्र मिश्रा (बसपा),अरुण शौरी (भाजपा),अमर सिंह (सपा),भगवती सिंह (सपा),वीर सिंहबसपा),ब्रिजभूषण तिवारी (सपा),नंदकिशोर यादव(सपा),रामगोपाल यादव (सपा),वीरपाल सिंह यादव (सपा)।उत्तरांचल के 3 राज्यसभा सदस्यों में से सिर्फ एक का ई-मेल पता है...सतीश कुमार शर्मा (कांग्रेस)। हरियाणा केपांच में से 4 के ई-मेल पते प्राप्त हैं....अजय सिंह चौटाला (राष्ट्रीय लोकदल), डॉ.रामप्रकाश (कांग्रेस), ईश्वर सिंहकांग्रेस), सरदार तरलोचन सिंह (निर्दल)। राजस्थान के 10 राज्यसभा सदस्यों में से 7 के ई-मेल पते साइट परहैं.....रामदास अग्रवाल (भाजपा), संतोष बगरोडिया (कांग्रेस), कृष्णलाल वाल्मीकि (भाजपा), ललित किशोरचतुर्वेदी (भाजपा), श्रीमती नजमा ए.हेपतुल्ला (भाजपा), ओमप्रकाश माथुर(भाजपा), डॉ.ज्ञानप्रकाशपिलानिया(भाजपा), अभिषेक मनु सिंघवी(कांग्रेस), डॉ.प्रभा ठाकुर (कांग्रेस)। मध्य प्रदेश के 11 राज्यसभा सदस्योंमें से 6 के ई-मेल पते उपलब्ध हैं....प्रभात झा (भाजपा), नारायण सिंह केसरी (भाजपा), रघुनंदन शर्मा (भाजपा), अर्जुन सिंह (कांग्रेस), श्रीमती माया सिंह(भाजपा), थिरुनवुक्करसर(भाजपा), ए.अनुसुइया (भाजपा), विक्रमवर्मा(भाजपा)। बिहार के सिर्फ 12 राज्यसभा सदस्यों डॉ.एजाज अली(जनता दल यू.), अली अनवर अंसारी(जनतादल यू.), आर.के.धवन (कांग्रेस), प्रेमचंद गुप्ता (राष्ट्री जनता दल), जबरी हुसैन (जनता दल यू.), डॉ.महेंद्र प्रसादजनता दल यू.),राजनीति प्रसाद (जनता दल यू.), रविशंकर प्रसाद (भाजपा),महेंद्र साहनी (जनता दलयू.),एन.के.सिंह (जनता दल यू.), सीपी ठाकुर (भाजपा) और शिवानंद तिवारी (जनता दल यू.) के ई-मेल पतेउपलब्ध हैं।
लोकसभा सदस्यों में से उत्तर प्रदेश के राजनाथ सिंह (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष-गाजियाबाद), मुलायम सिंह यादवराष्ट्रीय सपा अध्यक्ष-मैनपुरी), जगदंबिका पाल (कांग्रेस- डुमरियागंज), सलमान खुर्शीद (कांग्रेस-फर्रूखाबाद), कल्याण सिंह (निर्दल-एटा), फिरोज वरुण गांधी (भाजपा-पीलीभीत), जयाप्रदा नाहटा (सपा-रामपुर), डॉ.रामशंकरकठेरिया (भाजपा-आगरा), धर्मेंद्र यादव (सपा-बदायूं), कमल किशोर (कांग्रेस-बहराइच), आरके सिंह पटेलसपा-बांदा), कमलेश पासवान (भाजपा-बांसगांव), अरविंद कुमार चौधरी (बसपा-बस्ती), गोरखनाथ पांडेयबसपा-भदोही), संजय सिंह चौहान (रालोद-बिजनौर), रामकिशुन (सपा-चंदौली), प्रेमदास (सपा-इटावा), निर्मलखत्री, राकेश सचान (सपा-फतेहपुर), सीमा उपाध्याय(बसपा-फतेहपुर सीकरी), सुरेंद्र सिंह नागर (बसपा-गौतमबुद्ध नगर), राधेमोहन सिंह (सपा-गाजीपुर), दारासिंह चौहान (बसपा-घोसी), बेनीप्रसाद वर्मा (कांग्रेस-गोंडा), योगी आदित्यनाथ (भाजपा-गोरखपुर), उषा वर्मा (सपा-हरदोई), सारिका सिंह बघेल (रालोद-हाथरस), घनश्यामअनुरागी (सपा-जालौन), धनंजय सिंह (बसपा-जौनपुर), प्रदीप कुमार जैन आदित्य (कांग्रेस-झांसी), बेगमतबस्सुम हसन (बसपा-कैराना), ब्रिजभूषण शरण सिंह (सपा-कैसरगंज), अखिलेश यादव (सपा-कन्नौज), जयंतचौधरी (रालोद-मथुरा), शैलेंद्र कुमार (सपा-कौशांबी), जफर अली नकवी (कांग्रेस-खीरी), लालजी टंडन (भाजपा-लखनऊ), हर्षवर्धन (कांग्रेस-महराजगंज), बालकुमार पटेल (सपा-मिर्जापुर), अशोककुमार रावत (बसपा-मिसरिख), सुशीला सरोज (सपा-मोहनलालगंज), मोहम्मद अजहरुद्दीन (कांग्रेस-मुरादाबाद), कादिर राना (बसपा-मुजफ्फरनगर), यशवीर सिंह (सपा-नगीना), कपिलमुनि करवरिया (बसपा-फूलपुर), पकौड़ी लालसपा-राबर्ट्सगंज), जगदीश सिंह राणा (बसपा-सहारनपुर), रामशंकर राजभर (बसपा-सलेमपुर), शफीकुर्रहमानबर्क (बसपा-संभल), भीष्मशंकर तिवारी ( 50 ( बसपा-संत कबीरनगर), मिथिलेश कुमार (सपा-शाहजहांपुर), विनयकुमार पांडेय (कांग्रेस-श्रावस्ती), डॉ.संजय सिंह (कांग्रेस-सुल्तानपुर) और सुश्री अन्नू टंडन (कांग्रेस-उन्नाव) आदिके तो पते और फोन नंबर भी आधे-अधूरे हैं। यही हाल उत्तरांचल के सांसदों विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज, प्रदीप टमटा, केसी सिंह बाबा, हरीश रावत के संबंध में सरकारी वेब साइट का है। राजस्थान, हरियाणा, बिहार औरमध्यप्रदेश के संसद सदस्यों के संबंध में तो साइट पर जानकारियों का और ज्यादा अभाव है।
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