Thursday, April 22, 2010

लोकसभा में हिंदी की माने या अंग्रेज़ी की?


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दिल्ली मेट्रो की सेवाओं में कमी आने के बारे में सरकार द्वारा आज संसद में दिए गए बयान में जबर्दस्त विरोधाभास देखने को मिला क्योंकि हिंदी में दिए गए जवाब में कहा गया कि उसकी सेवाओं में कमी आ रही है वहीं अंग्रेजी अनुवाद में सरकार ने इस बात से इंकार किया। यह मामला शहरी विकास मंत्रालय सौगत राय द्वारा कप्तान सिंह सोलंकी के सवाल के लिखित जवाब में दिखा। हिंदी संस्करण में राय ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने सूचना दी है कि राजधानी में चल रही मेट्रो रेल सेवाओं में ‘‘यात्रियों की बुनियादी सेवाओं में निरंतर कमी आ रही है।’’ इसी सवाल के अंग्रेजी अनुवाद में कहा गया है कि ‘यात्रियों की बुनियादी सेवाओं में कमी नहीं आ रही है।’ संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों के जवाबों में बहुधा ऐसा मामला सामने आता है जब हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों में विरोधाभास होता है। ऐसे में समस्या यह पैदा होती है कि किस संस्करण को सही माना जाए। इसी तरह रेल मंत्री ममता बनर्जी की ‘‘ड्रीम ट्रेन ’’ दूरंतो एक्सप्रेस ‘‘ दुरंतो ’’ है या ‘‘ दूरांतो ’’, इसे लेकर लोकसभा के एक अतारांकित प्रश्न में असमंजस की स्थिति नजर आती है। दुरंतो एक्सप्रेस में सुविधाएं विषयक अतारांकित प्रश्न-4349 में प्रश्नकर्ता के सी वेणुगोपाल और एम बी राजेश के सवालों में ‘ दुरंतो ’ शब्द का उल्लेख है। रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा के जवाब में ‘ दूरांतो ’ कहा गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से जुड़े एक अन्य अतारांकित प्रश्न-4358 में ‘ इथेनाल ’ के साथ भी यही हुआ है और शब्दों में एकरूपता नहीं है। हंसराज अहीर और के सुगुमार के सवालों में ‘ इथेनाल ’ का इस्तेमाल है जबकि मंत्री के जवाब में ‘ एथेनाल ’ शब्द लिखा गया है।

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