Friday, April 23, 2010
गुमशुदा मंत्री का मीरा को भी नहीं पता!
sansadji.com
रसायन एवं उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी के संसद में लंबे समय से अनुपस्थित रहने पर दोनों सदनों में पिछले दो दिन से उठाई जा रही आपत्ति के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज कहा कि उन तक को नहीं मालूम कि यह मंत्री कहां हैं। मीरा कुमार ने कहा कि उनकी ओर से हमें कोई संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। जब भी वह आएंगे, मैं उनसे उनकी समस्याओं के बारे में बात कर उसके समाधान का प्रयास करूंगी। मैं यहां चीजों के समाधान के लिये हूं। बातचीत के दौरान उन्होंने अलागिरी के आचरण पर नाखुशी-सी जाहिर करते हुए कहा कि संसद ‘शिष्टाचार और गरिमा’ पर चलता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य मंत्री ‘शिष्टाचार और गरिमा’ पर विशेष ध्यान देते हैं। जब भी वे कहीं जाते हैं, तो मेरे दफ्तर को सूचित करते हैं। अलागिरी की गैरमौजूदगी को लेकर लोकसभा में कल और राज्यसभा में आज विपक्ष ने भारी हंगामा किया। लोकसभा में कल विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैरहाजिर हो सकते हैं लेकिन यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया है। सुषमा ने सरकार से जानना चाहा कि यह ‘गुमशुदा’ मंत्री कहां छुपे हैं।
लोजपा सदस्य का राज्यसभा से निलंबन वापस लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक का भारी विरोध करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के कारण राज्यसभा में बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए लोकजनशक्ति पार्टी के एकमात्र सदस्य साबिर अली का निलंबन सरकार के प्रस्ताव पर आज वापस ले लिया गया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने साबिर अली का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया। उन्हें नौ मार्च को बजट सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित किया गया था। चव्हाण के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि नौ मार्च को सरकार के प्रस्ताव पर साबिर अली सहित सात सदस्यों को राज्यसभा से बजट सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित किया गया था। इनमें सपा के चार, जद यू से निलंबित एक, राजद का एक सदस्य भी शामिल था। इनमें से सपा के चारों सदस्यों का निलंबन पहले ही वापस लिया जा चुका है।
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