Tuesday, April 20, 2010
प्रेस परिषद को और शक्तियां देने का प्रस्ताव
sansadji.com
लोकसभा में आज सांसद संजय दिना पाटिल, संजीव गणेश नाइक, सुप्रिया सुले और केजेएसपी रेड्डी के सवालों के लिखित जवाब में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री सी एम जातुया ने सदन को बताया कि भारतीय प्रेस परिषद को और अधिक शक्तियां प्रदान करने के बारे में सरकार अपनी राय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में है। प्रेस परिषद के निर्देशों के कारगर कार्यान्वयन के लिए प्रेस परिषद को और अधिक शक्तियां प्रदान करने हेतु प्रेस परिषद कानून 1978 में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव मिला है। सरकार इस मामले में अपनी राय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में है। संबंधित पक्षों से व्यापक परामर्श करने तथा मीडिया से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाने के बाद प्रेस परिषद कानून में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गयी तो मसौदा सावधानीपूर्वक तैयार किया जाएगा। निखिल कुमार चौधरी और कुमारी सरोज पाण्डेय के प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय माकन ने आज सदन को अवगत कराया कि भारत सरकार ने नक्सलियों के संबंध में ‘ग्रीन हंट अभियान’ नामक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। केंद्र और राज्य दोनों के ही स्तर पर खुफिया एजेंसियों को और अधिक सुविधाओं से संपन्न करके सशक्त बनाने तथा उनकी क्षमताओं को उन्नत करके कई कदम जरूर उठाये गये हैं, जिसमें सूचना ब्यूरो में मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) तथा राज्यों में स्टेट मल्टी एजेंसी सेंटरों को मजबूत किया जाना शामिल है, जिससे कि वे 24 घंटे जानकारी का आदान प्रदान कर सकते हैं। सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक रैंक के एक कार्यबल कमांडर को तथा प्रत्येक नक्सल प्रभावित राज्य में महानिरीक्षक रैंक के नोडल अधिकारी को क्रमश: अंतर.राज्य और अन्त:राज्य से संबंधित कार्रवाई को समन्वित करने का जिम्मा सौंपा गया है। नक्सल निरोधी कार्रवाई की देखरेख के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों में नियंत्रण कक्ष.समन्वय केंद्र कार्यरत हैं। वर्ष 2009 में नक्सली हमलों में 317 और इस साल 15 अप्रैल तक 140 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी। उधर, राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज एन आर गोविंदराजन के प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि देश में 32,000 ऑप्टोमेट्रिस्ट (नेत्र विज्ञान सहायकों) की कमी है। नेत्र रोगियों की समस्याएं दूर करने के लिए और अधिक आप्ट्रोमेट्रिस्ट की जरूरत है क्योंकि आप्थेल्मोलॉजिस्ट. ऑप्टोमेट्रिस्ट का अनुपात 1:4 होना चाहिए। इस प्रकार 32,000 ऑप्टोमेट्रिस्ट की कमी है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत नेत्र विज्ञान सहायकों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। भारत में सरकारी क्षेत्र में लगभग 6000 और गैर सरकारी संगठनों तथा निजी क्षेत्र में 18000 आप्टेमेट्रिस्ट हैं। हर साल 1200 आप्टोमेट्रिस्ट पास होते हैं जिनका अनुपात प्रति 77,000 लोगों पर एक होता है। सरकार ने यह भी माना है कि देश में आबादी की तुलना में स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है। गुलाम नबी आजाद ने मोहसिना किदवई के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वीकार किया कि देश में ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी पर बुलेटिन (मार्च 2008) के अनुसार, वर्ष 2001 की जनसंख्या के मानदंडों की तुलना में भी देश में 20,486 उप केंद्रों, 4477 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 2337 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या को मजबूत बनाने की कल्पना की गई है।
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