Saturday, May 8, 2010

मुख्यमंत्री को धमकी, उपमुख्यमंत्री बाल-बाल बचे



sansadji.com
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार शनिवार को एक बड़े हादसे के शिकार होने से बाल-बाल बच गए। दरअसल सुशील कुमार मोदी और प्रेम कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नार्थ इस्ट ट्रेन से पटना से कटिहार जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में पुलिस कंट्रोल रूम में एक धमकी भरा कॉल आया, जिसके बाद शीला की सुरक्षा में लगे अधिकारियों के होश उड़ गए। बाद में सीएम ऑफिस ने इस धमकी की पुष्टि भी कर दी है। चूंकि यह मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ है इसलिए सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरती जा रही है और सीएम की सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गई है। पुलिस धमकी भरे कॉल की जांच करने में जुट गई है लेकिन अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह कॉल कहां से आया था। कॉल गुरुवार देर रात को आया था। धमकी देने वाले ने सीएम को 72 घंटे में जान से मारने की धमकी दी थी। सीएम कार्यालय इस मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए धमकी की जांच स्पेशल सेल को सौंप दिया है। साथ ही शीला दीक्षित के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उनके आवास पर हर आने-जाने वालों की गहन तलाशी ली जा रही है। शीला का कहना है कि वह ऐसे धमकी से नहीं डरतीं। ऐसे कॉल तो आते ही रहते हैं। उधर
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार शनिवार को एक बड़े हादसे के शिकार होने से बाल-बाल बच गए। मोदी और प्रेम कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नार्थ इस्ट ट्रेन से पटना से कटिहार जा रहे थे। उनकी ट्रेन गुजरने के ठीक 6 मीनट बाद कटिहार-बखरी आउटर रेलवे ट्रैक पर नक्सलियों द्वारा रखा गया एक बम विस्फोट हुआ। जिसकी वजह से रेलवे पटरी उखड़ गई। घटना सुबह 6 बजे हुई। घटना की सूचना उप-मुख्यमंत्री को कटिहार पहुंचे पर मिली। पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि उनके ट्रेन के गुजरने के थो़ड़ी देर बाद यह हादसा हुआ है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि शायद उप-मुख्यमंत्री और उन्हें ही निशाना बनाने के लिए यह विस्फाट किया गया था।

1 comment:

honesty project democracy said...

साडी जनता को मारने वालों को कौन मार सकता है ,होगा कोई सिरफिरा जनता का हितैसी या इनकी अपनी ही चाल होगी सुरक्षा बढवाने की , जिसने इस तरह का फोन कर दिया होगा / इनको मारने की नहीं एकजुट होकर कानून के सिकंजों में जकर कर तरपाने की जरूरत है / क्योकि आम लोगों को बहुत तरपाया है ,इन लोगों ने /