Sunday, May 2, 2010

बनी रहेगी शिबू की सरकार, बने रहेंगे सांसद सोरेन मुख्यमंत्री


sansadji.com

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने आज दावा किया कि सांसद शिबू सोरेन फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हेमंत ने हाल में शिबू सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ बैठक के बाद यह दावा किया। हेमंत के दावे पर ऐसे सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस तरह की घोषणा तो भाजपा को करनी चाहिए थी, लेकिन उसने तो अभी तक चुप्पी साध रखी है। यदि भाजपा की मर्जी से हेमंत ने मीडिया को ये जानकारी दी है, तो इसके पीछे राजग की क्या मंशा हो सकती है!
झारखंड में नई सरकार के गठन के लिये झामुमो और भाजपा के बीच हो रही बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हेमंत ने कहा कि शिबू सोरेन इस वक्त भी राज्य के मुख्यमंत्री हैं और वह पद पर बने रहेंगे। शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं से हमारी बातचीत बहुत रचनात्मक रही। हेमंत ने संसद में 27 अप्रैल को महंगाई के खिलाफ विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के बाद शिबू सोरेन सरकार से भाजपा के समर्थन वापस लेने से झारखंड में राजनीतिक संकट पैदा होने के पांच दिन बाद यह बयान दिया है। भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद प्रदेश में भाजपा के पसंदीदा नेता की अगुवाई में सरकार के गठन की हेमंत की गुजारिश पर भगवा दल ने समर्थन वापसी के फैसले पर अमल को रोक दिया था। हेमंत समेत झामुमो एवं सहयोगी दलों के नेता झारखंड में जारी सियासी गतिरोध को दूर करने के लिये भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। दूसरी तरफ ऐसी भी खबरें हैं कि झामुमो कुछ विधायक कांग्रेस और बाबू लाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चे के साथ मिलकर सरकार बनाना चाह रहे हैं। झामुमो नेता और मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन भी कांग्रेसी विधायकों से बातचीत की। टेकलाल महतो कहते हैं कि हम सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से बात किए जाने के पक्षधर हैं। भाजपा के साथ फिर सरकार बनाने के विरोधी झामुमो के कुछ विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर बात करना चाह रहे हैं। लेकिन झामुमो द्वारा शिबू सोरेन को 30 जून तक मुख्यमंत्री बनाए रखने की शर्त से बातचीत का रूख ही बदल गया। भाजपा-झामुमो की दिनभर अलग-अलग बैठकें चली। अंत में जब दोनों दल साथ बैठे तो इस प्रस्ताव के कारण चर्चा किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने बातचीत सकारात्मक रही कहकर सरकार के गठन की उम्मीद बरकरार रहने के संकेत दिए लेकिन दिनभर की राजनीतिक उथल-पुथल के चलते यह मसला कुछ दिन और लंबित रहने के कयास लगाए जाने लगे। भाजपा को लगा कि जो झामुमो खुद समर्थन देने पर राजी है तो अब कोई मुश्किल नहीं होगी परन्तु झामुमो ने भाजपा के साथ बैठने के पहले शिबू सोरेन का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ाने दांव चल दिया। नतीजा ये रहा कि भाजपा-झामुमो की साढ़े 3 बजे होने वाली बैठक तीन घंटे आगे खिसक गई। शाम 6 बजे दोनों दल के नेताओं की भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास पर बैठक हुई। उसमें झामुमो ने अपना प्रस्ताव रखकर भाजपा को मुश्किल में डाल दिया। जून में छह माह पूरा होने पर वे खुद चुनाव नहीं लड़ने के ऎलान के साथ भाजपा को समर्थन दे गद्दी सौंप देंगे। झामुमो का यह प्रस्ताव भाजपा के गले नहीं उतर रहा है। सोमवार को फिर बैठक होने की संभावनाओं के बीच हेमंत का ये बयान समचार एजेंसियों ने जारी कर दिए हैं कि शिबू सोरने के मुख्यमंत्री बने रहने पर भाजपा राजी हो गई है, जबकि भाजपा सूत्रों का दावा है कि अभी तक पार्टी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है।

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