Monday, May 3, 2010

'नौकरी वालों की बल्ले-बल्ले' वाला विधेयक लोकसभा में पारित


sansadji.com
लोकसभा ने कर्मचारी राज्य बीमा संशोधन विधेयक 2009 को भी बिना चर्चा के पारित कर दिया जो असंगठित क्षेत्र के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले कामगारों को भी शामिल करने का प्रावधान करता है। महंगाई के भयानक दौर में नौकरी पेशा लोगों के लिए ये पुरसुकून सूचना हो सकती है। लोकसभा ने ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा 3.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने के प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कर दिया गया । भारी हंगामे के बीच सदन ने इस विधेयक को बिना चर्चा पारित कर दिया। विधेयक में ग्रैच्यूटी की अधिकतम सीमा साढ़े तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रावधान है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया था। इस संबंध में विभिन्न ट्रेड यूनियनों सहित तमाम पक्षों की ओर से ज्ञापन मिला था कि अधिकतम राशि की सीमा को समाप्त किया जाए। इस विधेयक के प्रावधान के तहत स्टैंडिंग ऑर्डर के तहत नियुक्त होने वाले अप्रेंटिस भी कर्मचारी के समकक्ष माने जाएंगे। कार्यस्थल पर जाने या वहां से वापस आने के दौरान होने वाली दुर्घटना का बीमा कवर भी कर्मचारियों को मिलेगा। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि केन्द्र सरकार आय के हिसाब से आश्रित माता-पिता के बारे में नियम बना सकती है। इसमें बीमा निरीक्षक को सामाजिक सुरक्षा अधिकारी का नाम दिए जाने का प्रावधान भी है।

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