Monday, May 3, 2010
तीनों सेनाओं के लिए समान कानून की सिफारिश
sansadji.com
सशस्त्र बलों के लिए एकीकृत कमान संबंधी संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपने बयान में रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने लोकसभा और राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने देश के तीनों सेनाओं के अभियानों के बीच साझा भागीदारी और कार्य संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक साझा कानून का मसौदा तैयार किया है और रक्षा मंत्रालय इसे लागू करने पर सक्रियता से विचार कर रहा है। इस साझा कानून पर वर्ष 2002 में काम शुरू किया गया था और अगस्त 2009 में चीफ आफ स्टाफ कमेटीज से मंजूरी मिलने के बाद मसौदा मंत्रालय को सौंपा गया। यह प्रस्ताव 'जांच के आधीन' है। हालांकि इसके लिए संस्थागत सहयोग तथा ढांचागत सुविधाओं का विकास एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के रूप में पहले ही सृजित कर लिया गया है। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस की सिफारिश कारगिल समीक्षा समिति ने की थी। सीडीएस की नियुक्ति पर आम सहमति बनाने के लिए इस मामले को राजनीतिक दलों के समक्ष उठाया गया लेकिन उनमें से कई ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने के मामले में एंटनी ने बताया कि अंतर मंत्रालयी विचार विमर्श के बाद मसौदा नोट को मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकार को भेजा गया है। सुरक्षा खतरों और चुनौतियों की आतंरिक समीक्षा तथा आईडीएस मुख्यालयों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। उधर, आतंकी कसाब पर आज सुनाए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि मुंबई पर हमलों के मुकदमे में अजमल कसाब को दोषी ठहराया जाना और उसके दो साथियों को बरी करना यह प्रदर्शित करता है कि भारत में कानून का शासन है और यह पाकिस्तान को एक संदेश है कि उसे आतंक का निर्यात नहीं करना चाहिए। अदालत ने कुछ आरोपियों को दोषी ठहराया है। उसने दो आरोपियों को बरी भी कर दिया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि अदालत अपने फैसलों में स्वतंत्र, निडर और ईमानदार है। यह एक खुला मुकदमा रहा है जो कानून के अनुरूप चला और आरोपियों को अपना बचाव करने का पूरा मौका दिया गया। मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि साल भर के भीतर हम संभवत: एक बेहद जटिल मुकदमे में बड़ी संख्या में आरोपी ठहराए गए लोगों में से कुछ के खिलाफ फैसला करने में सक्षम रहे।
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