Friday, May 7, 2010

सांसद अमर का अब तक का सबसे रोमांचक चिट्ठा




sansadji।com

ठाकुर अमर सिंह लिखते हैं..........

डिम्पल, मै और हमारी फिल्मः आज “मुंबई मिट्टई” के सेट पर डिम्पल को और मुझे एक प्रेम गीत युगल दंपत्ति के रूप में गाना था. कोरियोग्राफर ने गीत के फिल्मांकन की कुछ विचित्र मुद्राएँ बताई तो हम एक दूसरे को देखने लगे. मैने डिम्पल से कहा कि छात्र जीवन में सत्तर के दशक में जब आप “बाबी” थी तो यह मुद्राए उचित थी, अब आप बाबी से दादी हो चुकी है, यह अलग बात है कि ५२ वर्ष की आयु में भी आप ४२ से अधिक की नहीं लगती. पूरे केरल में हमारे काम और उपस्थिति की भारी चर्चा है. केरल फिल्मों के बेताज बादशाह मामूटी का चैनल और दूसरे कई चैनल पागलो की तरह हमारी शूटिंग के छायांकन के पीछे पड़े हुए है. मेरे पुराने मित्र और भाई की तरह निकट प्रदेश कांग्रेस केरल के अध्यक्ष श्री रमेश चेनीकेला ख़ास मुझसे मिलने फिल्म के सेट पर आए. लो शुरू हो गया आंकलन, गए, गए, गए, अमर सिंह कांग्रेस में गए. लोगों को और ख़ास तौर से मेरी पुरानी पार्टी को मेरे आने जाने पर बड़ी नज़र है. भाई मै तो यही कहूंगा, “हम किसी और के हो जाएँ तो उलझन कैसी, तुमने जो जख्म दिए है, उन्हें भरना भी तो है.” अभी-अभी डिम्पल चली गयी. मुलायम सिंह ने समाजवादी डान बन कर अपने भाई रामगोपाल को मेरे सियासी क़त्ल का हुक्म दिया था. अभी तक मेरा सियासी क़त्ल हुआ या नहीं ये तो उत्तर प्रदेश की जनता को २०१२ में तय करना है लेकिन अब से आधे घंटे के अन्दर फिल्म में मेरा क़त्ल ज़रूर हो जाएगा. बाकी फिर, अब मै अपने फ़िल्मी कातिलो से क़त्ल होने जा रहा हूँ.

(अमर सिंह के ब्लॉग से साभार)

No comments: