Sunday, May 2, 2010
संसदीय समितियों ने खड़े किए रेलवे पर कई सवाल!
sansadji.com
आतंकवादी धमकियों के बीच संसद की लोकलेखा समिति ने देश के 138 रेलवे स्टेशनों के निरीक्षण में सुरक्षाउपायों को अपर्याप्त पाया है। इससे रोजाना देश के 1.4 करोड़ रेलयात्री खतरों के बीच सफर करते हैं। इसी तरह रेलवेकैटरिंग एवं टूरिज्म कारपोरेशन के काम-काज पर अन्य संसदीय समिति की रिपोर्ट है कि रेलवे नीर का बाजारघाटे में होना आश्चर्यजनक है।
दोनों ही संसदीय समितियों ने रेलवे के रवैये पर चिंता जताते हुए सरकार को गंभीरता से आगाह किया है। अजमलकसाब द्वारा मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर तबाही मचाये जाने के बाद भी रेलवे के अधिकांशस्टेशनों पर स्कैन मशीनें, मेटल डिटेक्टर, बम डिटेक्टर सिर्फ शोपीस के लिए हैं। संसद की एक समिति का कहनाहै कि अपर्याप्त सुरक्षा तंत्र की वजह से रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बरकरार है। देश के 138 स्टेशनोंके निरीक्षण में पाया गया कि उनमें से 87 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी उपलब्ध ही नहीं हैं जबकि चेन्नई सेंट्रल, कल्याण, सिकंदराबाद, गुवाहाटी और पटना जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों सहित 24 बडे़ स्टेशनों में से दस पर सीसीटीवीकाम नहीं कर रहे थे। संसदीय समिति ने कहा कि सबसे खराब स्थिति यह है कि स्टेशनों पर स्कैनिंग मशीन, मेटल डिटेक्टर और बम डिटेक्टर जैसे सुरक्षा उपकरण या तो हैं ही नहीं या फिर काम नहीं कर रहे। रेलवे आठहजार स्टेशनों के बीच लगभग 800 ट्रेनों का परिचालन रोज करता है और करीब 1.4 करोड़ यात्री हर दिन देश भरमें यात्रा करते हैं। छोटे स्टेशनों पर तो इस तरह के उपकरण उपलब्ध ही नहीं हैं। लोक लेखा समिति ने अपनी ताजारपट में कहा है कि स्टेशनों पर प्रवेश और निकलने के गेटों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी बहुत ढीली ढाली है।रेलवे के सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामियों पर अत्यधिक चिन्ता का इजहार करते हुए समिति ने कहा कि ऐसा लगता हैकि बडे़ स्टेशनों पर हल्की फुल्की सुरक्षा एहतियात बरती जा रही है जबकि छोटे स्टेशनों को ऐसे ही छोड दिया गयाहै। इंडियन रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा संचालित रेल नीर व्यवस्था के मामले मेंहो रहे घाटे को गंभीरता से लेते हुए मार्क्सवादी सांसद रुपचंद पाल की अध्यक्षता वाली अन्य संसदीय समिति नेसवाल उठाया है कि रेल नीर का व्यापक बाजार होते हुए भी लगातार घाटा क्यों? समिति ने रेल नीर के वर्तमानसंयंत्रों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने और महाराष्ट्र और तमिलनाडु में दो नए संयंत्र लगाने की आईआरसीटीसीकी योजना को जल्द अंतिम रूप दिए जाने की इच्छा जताई है और इसके लिए उसने रेल मंत्रालय से भूमि परकब्जे के लिए शीघ्र अंतिम स्वीकृति प्रदान करने की सिफारिश की है। रेल यात्रियों को बेहतर गुणवत्ता वालापेयजल उपलब्ध कराने के इरादे से आईआरसीटीसी ने रेल नीर का उत्पादन शुरू किया था और इसके लिए दिल्लीके नांगलोई और पटना के दानापुर में दो संयंत्र लगाए गए थे। आईआरसीटीसी अपने कामकाज को लेकर शुरू से हीसवालों में है। रेल नीर घाटे के संबंधी समिति की ताजा रिपोर्ट पर आईआरसीटीसी का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने रेलनीर का मूल्य दिल्ली और पटना क्षेत्र में साढे़ छह रुपये प्रति बोतल और दिल्ली एवं पटना से बाहर सात रुपये प्रतिबोतल तय किया है। आईआरसीटीसी इसी दर पर अपने लाइसेंसधारकों तथा विभिन्न विभागों को रेल नीर कीआपूर्ति कर रहा है। समिति ने सिफारिश की है कि रेल नीर के खरीद मूल्य का उपयुक्त रूप से युक्तिकरण कियाजाए ताकि आईआरसीटीसी को कम कीमत पर रेल नीर बेचने से होने वाली हानि की भरपाई हो सके। समिति कीरिपोर्ट संसद में पेश करते हुए कहा गया है कि बाजार में रेल नीर की भारी मांग है, परंतु आईआरसीटीसी द्वाराअपर्याप्त आपूर्ति के कारण कतिपय अन्य ब्रांड के बोतलबंद पानी बेचे जा रहे हैं, जिससे आईआरसीटीसी कीलाभप्रदता में कमी आती है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment