Tuesday, May 4, 2010

आरपीएफ के हत्थे चढ़ा सांसद नटवरलाल

सांसदजी.com


सियासत जो न कराए। कुछ महीने पहले राजस्थान में एक नकली सांसद का मामला प्रकाश में आया था, जो बाबा रामदेव के नाम पर जड़ी-बूटी का धंधा करते पकड़ा गया था। इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी बेटा बन कर मुंबई पुलिस को हड़काने वाला एक अन्य नटरवर लाल पकड़ा गया। अब सांसद बनकर लालबत्ती में चल रहा एक और नटवर लाल आरपीएफ की पकड़ में आया है। श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में रेलवे की विजिलेंस ट्रैपिंग में दबोचे गए नकली सांसद के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरपीएफ को संदेह है कि आरोपी के तार अंतरराज्यीय ठग गिरोह से जुड़े हो सकते हैं, जिसमें हाईप्रोफाइल सफेदपोश लोगों का भी हाथ है। श्रमिक एक्सप्रेस में उदना से छपरा की यात्रा करने वाले करल छपरा, बलिया निवासी मनोज सिंह पिता रामपुकार सिंह ने कई राज खोले हैं। आरोपी न केवल नकली सांसद बनकर रेलवे को चूना लगा रहा था, बल्कि लोगों को भी ठगता था। उसने उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में नकली लैटरपैड, ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए ब्रांडेड कार और जमीनों की खरीद-फरोख्त की है। उसने उत्तरप्रदेश में टवेरा और स्कॉर्पियो खरीदी, जिनमें से एक कार गुजरात पहुंचा दी। फर्जी दस्तावेजों के बल पर सूरत में मां के नाम पर करोड़ों की जमीन का सौदा कर डाला। विजिलेंस द्वारा आरपीएफ को सौंपे जाने के बाद आरोपी के स्ट्रॉली सूटकेस में से एमआर सिंह, सांसद, बलिया के नाम का लैटरपैड, विजिटिंग कार्ड एवं बलिया एसपी द्वारा दिया गया गन लाइसेंस बरामद किया। अन्य फर्जी यात्रा टिकट बरामद किया, जो प्रयागराज एक्सप्रेस से 9 मई को इलाहाबाद-नई दिल्ली के लिए एसी प्रथम श्रेणी में टोकन नंबर 271 पर बनाया गया था। थाणे आरटीओ द्वारा बनाया गया मनोज सिंह के नाम का ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किया। आरोपी के कब्जे से आईसीआईसीआई बैंक के दो एटीएम एवं चैक बुक मिली, जिसके आधार पर वह आरोपी लोगों को ठगा करता था। जांच के लिए दल बनाकर कई जगहों पर आरपीएफ को भेजा गया है। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है, जिससे आरोपी के अन्य कारनामों को खुलासा हो सकेगा। देवास (म.प्र.) शहर के दम्पती को जमीन का सौदा कराने के नाम पर 41 लाख 48 हजार रूपए की ठगी करने वाले नटवरलाल लोकेश विश्वकर्मा के पास फर्जी नामों से ली गई 25 से ज्यादा सिम हैं। देश के कई शहरों में ठगी के मामलों में उसने इन्हीं सिम का उपयोग किया। मिश्रीलाल नगर में रहने वाले धनसिंह और उनकी पत्नी तेजकुंवरबाई के 41 लाख 48 हजार रूपए ठगने वाले लोकेश के खिलाफ भोपाल में भी एक लाख रूपए की ठगी का प्रकरण दर्ज है। भोपाल पुलिस इस मामले में उसका बिलासपुर की कर्नाटका बैंक का एकाउंट भी सील करवा चुकी है। यह बैंक खाता लोकेश ने नकली पैन कार्ड और नकली नाम से खुलवाया था। खाते के दस्तावेजों पर फोटो तो लोकेश का लगा है, लेकिन नाम राहुल सक्सेना लिखा हुआ है। देवास में करीब डेढ़ साल तक रहने वाला आरोपी लोकेश खुद को कांग्रेस सेवादल का प्रदेश संगठन मंत्री बताता था। यही नहीं वह शहर में कार पर लाल बत्ती लगाकर घूमता था। शहर के एक कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद के पुत्र से लोकेश के अच्छे सम्बंध रहे हैं।


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