संसद की सीढ़ियों तक पहुंचने वाली महिला सांसदों का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में कई मायने में ज्यादा पाया गया है। एक ताजा रिपोर्ट में खास उल्लेखनीय रहा पुरुष सांसदों की तुलना में महिला सांसदों की शैक्षिक योग्यता और उम्र का प्रतिशत।
(sansadji.com संसदजी डॉट कॉम)
मीडिया तक पहुंची पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर भरोसा करें तो पता चलता है कि संख्यात्मक निष्कर्षों में महिला संसद सदस्य पुरुष सांसदों की अपेक्ष ज्यादा पढ़ी-लिखी, ज्यादा कामयाब हैं। पिछली लोकसभा में 30 फीसदी महिलाओं के पास स्नातक सार्टिफिकेट थे और लगभग 60 फीसद सांसद तो उच्चशिक्षा प्राप्त थीं। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के डाटा से पता चलता है कि चुनावों में भी महिला प्रत्याशी पुरुषों की तुलना में ज्यादा सफल रही हैं। कुल महिला प्रत्याशियों में से 10 प्रतिशत कामयाब रहीं, जबकि कुल पुरुष प्रत्याशियों में से सिर्फ छह प्रतिशत ही चुनाव जीत पाए। 32 फीसदी महिला सांसद पोस्ट ग्रैजुएट या पीएचडी थीं जबकि पुरुषों में यह 30 फीसदी था। 42 फीसदी महिला सांसदों के पास ग्रैजुएट डिग्री थीं जबकि 46 फीसदी पुरुष सांसद ग्रैजुएट थे। पीएलआर के अनुसार औसतन पुरुषों की तुलना में महिला सांसद कम उम्रदराज पाई गई हैं। महिला सांसदों की औसत उम्र 47 है, जबकि पुरुष सांसदों की औसत उम्र 54 पाई गई है। महिला सांसदों में 70 साल से ऊपर की कोई सांसद नहीं पर संसद के 7 फीसदी पुरुष सदस्य 70 साल से ऊपर के हैं। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 21 फीसदी महिला सांसद हैं। दूसरे नंबर में पश्चिम बंगाल में 17 प्रतिशत और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में 15 प्रतिशत महिला सांसद पाई गई हैं।
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2 comments:
काफी अच्छा प्रयास। sahi bat yahi hai.
सुखद जानकारी. धन्यवाद.
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