Monday, April 26, 2010
......और सरकार खबरदार!! कटौती प्रस्ताव पर ह्विप जारी!!!
sansadji.com
मंगलवार केंद्र सरकार के लिए एक और खतरा लेकर आ रहा है। अनुदान मांगों पर राजग, वाम, सपा, राजद और अन्य कुछ दलों के कटौती प्रस्तावों का समर्थन करने की बजाय सरकार की ओर झुकती नजर आ रही बसपा ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपने सांसदों को व्हिप जारी करने के बारे में फैसला मंगलवार को करेगी। बसपा सूत्रों ने संकेत दिए कि पार्टी द्वारा भाजपा और अन्य दलों द्वारा पेश कटौती प्रस्तावों का समर्थन करने की संभावना नहीं है। बसपा संसदीय दल की बैठक मंगलवार को होगी, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम फैसला किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों में जब सपा, राजद और विपक्ष फोन टैपिंग के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे, बसपा सदस्यों ने चुप्पी साध रखी थी। इस बीच सपा द्वारा कटौती प्रस्तावों का समर्थन की उम्मीद है लेकिन इस बारे में आधिकारिक फैसला मंगलवार को होना है। सपा के मुख्य सचेतक शैलेन्द्र कुमार ने कहा है कि हम अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारत बंद में हिस्सा ले रहे हैं। हम सांसदों को व्हिप जारी करने के बारे में मंगलवार को फैसला करेंगे। वाम, राजद, अन्नाद्रमुक, तेदेपा और सपा सहित 13 दलों ने महंगाई के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। लोकसभा में सपा और बसपा दोनों के ही इक्कीस-इक्कीस सदस्य हैं। आइपीएल और फ़ोन टैपिंग के मुद्दे के बाद मनमोहन सिंह सरकार को अब महंगाई के मुद्दे पर भी घेरने के लिये भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों साथ मिलकर लोकसभा में वित्त विधेयक के खिलाफ़ प्रस्तावित कटौती प्रस्ताव के मद्देनजर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के वास्ते ह्विप जारी किया है। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलुवालिया ने यह जानकारी देते हुये कहा है कि राष्ट्रीय जनतात्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के नेताओं की सोमवार को बैठक हुई जिसमें कटौती प्रस्तावों का समर्थन करने के ह्विप जारी करने का निर्णय लिया गया। इस बीच राजग सूत्रों ने बताया है कि सभी घटक दलों ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिये ह्विप जारी कर दिया गया है। भाजपा ने अपने सभी 115 सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिये ह्विप जारी किया है। राजग के बाकी घटक दलों को मिलाकर राजग के 153 सांसद कटौती प्रस्तावों का समर्थन करेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा भी उसके साथ है। उधर, कांग्रेस की अहम सहयोगी पार्टी द्रमुक ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर कहा है कि वह मंगलवार को सदन में मौजूद रहें और कटौती प्रस्ताव पेश किए जाने पर सरकार का समर्थन करें। द्रमुक प्रवक्ता और सांसद टी. के. एस. एलंगोवन ने कहा है कि हमने अपने तमाम सदस्यों को व्हिप जारी किया है। उन्हें सदन में मौजूद रहने और कटौती प्रस्ताव के दौरान सरकार की हिमायत करने के लिए कहा गया है।
सीपीएम की पहल पर उसके सहित एआईएडीएमके, बीजेडी,एसपी, आरजेडी, टीडीपी, आरएलडी, एलजेपी, जेडीएस, आईएनएलडी, सीपीआई, फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी के नेताओं ने भी कटौती प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। लोकसभा में इन 13 दलों के सदस्यों की कुल संख्या 87 है। इन दलों के अलावा बीजेपी के 116, उसके सहयोगी जेडीयू के 20, शिवसेना के 11 और अकाली दल के 4 सदस्य हैं। सरकार के लिए राहत की बात यह है कि उसे बाहर से समर्थन दे रही लोकसभा में 21 सदस्यों वाली बीएसपी कटौती प्रस्ताव लाने का फैसला करने वाले 13 दलों की जमात से दूरी बनाए हुए है। निर्दलीय सदस्यों को मिला कर यूपीए सरकार को 265 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। कटौती प्रस्तावों को नामंजूर कराने और सत्ता में बने रहने के लिए उसे कम से कम 272 सदस्यों के समर्थन की दरकार है। ऐसे में यूपीए सरकार को अब बस बीएसपी से ही आस है। सरकार पर भारी दबाव बनाने के लिए सीपीएम के साथ एकजुट हुईं इन 13 पार्टियों का कहना है कि सरकार गिराना उनका उद्देश्य नहीं है, लेकिन अगर वह गिर भी जाए तो वे क्या कर सकते हैं? कटौती प्रस्तावों से लोकसभा में सरकार के बहुमत की परीक्षा होगी। अगर सदन ने कटौती प्रस्ताव मंजूर कर लिए तो यह सरकार की हार होगी। सरकार की परेशानियां बढ़ाते हुए बीजेपी ने भी कहा है कि वह कटौती प्रस्ताव पर 13 दलों से तालमेल कर सकती है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अपनी तरफ से कटौती प्रस्तावों पर सदन में सभी पार्टियों से समन्वय का प्रयास करेंगे। परेशानी के बावजूद कांग्रेस को भरोसा है कि वह इस संकट से पार पाने में सफल होगी। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा है कि सरकार के लिए कोई समस्या नहीं है।
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1 comment:
चलिये, यही सही.
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