Wednesday, April 28, 2010
लोकसभा में भाजपा का भारी हंगामा
sansadji.com
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस सौंप चुकी भाजपा ने आज कहा कि वह आईपीएल मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: से जांच कराने की मांग पर कायम रहेगी। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने आज निचले सदन में आईपीएल विवाद की जेपीसी से जांच कराने की मांग दोहराने के साथ ही सदन के विशेषाधिकार का प्रधानमंत्री द्वारा हनन करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि आईपीएल पर जेपीसी और विपक्ष की इस मांग को प्रधानमंत्री द्वारा संसद के बाहर ठुकराकर विशेषाधिकार हनन करने के मुद्दे पर पार्टी अपने रुख से पीछे नहीं हटेगी। वह कल भी सदन में इन दोनों मुद्दों को उठाएगी। गौरतलब है कि भाजपा के 50 लोकसभा सदस्यों ने कल प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लोकसभा महासचिव को सौंपा था। मुंडे ने कहा कि दोनों मुद्दों पर खुद प्रधानमंत्री और सरकार जवाबदेह है। स्पैक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर कथित अनियमितताओं को लेकर अन्ना द्रमुक और द्रमुक सदस्यों के बीच हुई नोंकझोंक और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस को लेकर भाजपा सदस्यों द्वारा किए गए भारी हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक लगभग दो घंटे तक स्थगित रही। शून्यकाल शुरू होते ही भाजपा के यशवंत सिन्हा और गोपीनाथ मुंडे सहित अनेक सदस्य प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस के संबंध में अपनी बात रखे जाने की अनुमति देने की मांग करने लगे। इस पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने अपनी व्यवस्था देते हुए कहा कि उन्हें मुंडे के अलावा 44 अन्य सदस्यों के लोकसभा की कार्यवाही संबंधी नियम 222 के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस मिले हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि फोन टैपिंग और आईपीएल मामले में संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग संसद में की गई थी लेकिन प्रधानमंत्री ने सदन के बाहर इसके गठन से इनकार करके संसद की अवमानना की है और इसी संदर्भ में उन्होंने लोकसभा में प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि ये नोटिस उनके विचाराधीन हैं। लेकिन भाजपा सदस्य इस बारे में अपनी बात रखे जाने की अनुमति दिए जाने की मांग करते रहे जिसकी अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि सदस्य उनकी व्यवस्था का सम्मान करें और बाद में वह उन्हें बोलने का अवसर देंगी।
उधर वित्त विधेयक पर विपक्ष ने 2010. 11 के आम बजट को निम्न आयवर्ग, किसानों और आम आदमी के खिलाफ बताते हुये कहा कि सरकार ने बजट में केवल उच्च आयवर्ग की सुविधाओं का ही ध्यान रखा है। विपक्ष ने 1.60 लाख से तीन लाख रुपये के आयकर स्लैब को बढाने की मांग की। वित्त विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुये भारतीय जनता पार्टी के हरेन पाठक ने कहा कि बजट तैयार करते समय सरकार ने आम आदमी और किसानों को भुला दिया और केवल राजनीतिक सोच के साथ काम किया। पाठक ने कहा कि बजट में व्यक्तिगत आयकर में जो रियायत दी गई है उससे अधिक कमाई करने वालों को ज्यादा फायदा मिला है जबकि कम कमाई वाले तबके को कोई लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि एक लाख 60 हजार से लेकर तीन लाख की सालाना आय वर्ग के करदाताओं को बजट में कोई लाभ नहीं मिला है, इसे बढाया जाना चाहिये। उन्होंने मकान को किराये पर देने तथा प्रशिक्षण एवं कोचिंग कार्यों में लगे धर्मार्थ ट्रस्टों को कर के दायरे में लेने के बजट प्रावधानों की आलोचना की। सदन में उपस्थित वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की तरफ मुखातिब होते हुये पाठक ने कहा कि कोई भी कर पिछली तिथि से लागू नहीं होना चाहिये। मकान को किराये पर देने को अब सेवाकर के दायरे में ले लिया गया है। इस संबंध में कानून की परिभाषा में ही बदलाव कर दिया गया है। इसे पिछली तिथि से लागू किया गया है। इसी प्रकार प्रशिक्षण और कोचिंग देने वाले धमार्थ ट्रस्टों पर भी वर्ष 2003 से कर लगा दिया गया है।
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