Saturday, May 1, 2010
ममता की कार्यशैली से तृणमूल में अंतरविरोध गहराया, सिपहसालारों पर मोटी कमाई के आरोप
sansadji.com
नगर पालिका चुनावों में यादवपुर संसदीय क्षेत्र (पश्चिमी बंगाल) के तृणमूल सांसद कबीर सुमन के करीबियों को टिकट नहीं दिए जाने और असंतुष्ट धड़े के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा ममता के सिपहसालारों पर टिकट के बदले मोटी कमाई करने के सार्वजनिक आरोपों से पार्टी का अंतरविरोध गहराता नजर आ रहा है। निकट अतीत में कबीर द्वारा लालगढ़ में चल रहे पुलिस संयुक्त पुलिस अभियान के विरोध में कबीर के बयान से नाराज तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी अब उन्हें तवज्जो देने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरी सूचना ये मिल रही है कि पूरी पार्टी ही परिवारवादी सियासत की राह पर चल पड़ी है। कोलकाता नगर निगम व 81 पालिका चुनावों में पार्टी नेताओं के सगे-संबंधियों को टिकट दिए जाने से नाराज नेता ममता पर उंगली उठाने लगे हैं। यहां तक कि इन नेताओं ने 'तृणमूल कांग्रेस बचाओ कमेटी' का गठन भी कर लिया है। असंतुष्ट पार्टी नेता प्रहलाद चक्रवर्ती, रमेश मंडल, राजू दास ने आरोप लगाया है कि ममता कुछ करीबियों के सहारे पार्टी चला रही हैं। ममता के करीब जितने भी नेता हैं, सभी टिकट बांटने में मोटी कमाई कर रहे हैं जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। पार्षदों की पत्नी, भाई व अन्य रिश्तेदारों को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में पिछले चार दिन के अंदर दो बार नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के कालीघाट निवास के समक्ष प्रदर्शन किया है और परिवार व वार्ड के बाहर के लोगों को टिकट नहीं देने का अनुरोध किया। कल नाराज कार्यकर्ताओं ने विरोधी दल के नेता पार्थ चटर्जी के बेहला स्थित निवास के समक्ष भी प्रदर्शन किया। पार्टी के भीतर इस बात को लेकर भी दो मत गर्म हो रहे हैं कि ममता एक ओर तो माकपा और कांग्रेस के समानांतर जनता को लामबंद करने की बात करती हैं, दूसरे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती पर बनाई गई राष्ट्रीय कमेटी में भी शामिल हैं, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं और जिसमें मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी, केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी, एसएम कृष्णा, कपिल सिब्बल व अंबिका सोनी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज आदि भी शामिल हैं।
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