Wednesday, April 28, 2010

मीरा, अंसारी प्रश्नकाल पर गंभीर!


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प्रश्नकाल बाधित होने से पहले बार-बार लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार अपनी चिंताएं सार्वजनिक कर चुकी हैं। अब राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी भी उन्हीं मनःस्थितियों से दो-चार हो रहे हैं। राज्यसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दलों के हंगामे से व्यथित अंसारी ने कहा कि अगर प्रश्नकाल इतना अप्रासंगिक हो गया है तो क्यों न सदन के नियम 38 को प्रभावी कर उसके समय में बदलाव किया जाए। राज्यसभा में बुधवार सुबह बैठक शुरू होते ही भाजपा, वाम दलों और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर फोन टैपिंग के बारे में अखबार में छपी एक खबर पर सरकार से वक्तव्य मांगना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच अंसारी ने कहा कि अगर प्रश्नकाल इतना अप्रासंगिक हो गया है तो सदन के नियम 38 को प्रभावी कर उसके समय को बदला जा सकता है और वह दिन में ही इस बारे में कोई फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की ओर से लगातार व्यवधान डाला जा रहा है।
पिछले कई वर्षों से प्रश्नकाल में व्यवधान बढ़ते जाने से चिंतित लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बताया कि वह इसे सुबह की बजाय शाम को करने के बारे जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से रजामंदी लेने के लिए उनसे सलाह-मशविरा करेंगी। इसी तरह पिछले दिनो 23 अप्रैल को मीरा ने कहा कि मैं राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखूँगी। हम देखेंगे कि क्या प्रश्नकाल को सुबह के बजाय शाम के समय किया जा सकता है। अभी दोनों सदन शुरू होते ही प्रश्नकाल सुबह 11 से 12 बजे के बीच होता है। मीरा पहले भी प्रश्नकाल का समय बदलने के बारे में संकेत दे चुकी हैं। बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दो दिन दंतेवाड़ा नक्सली हमले और शशि थरूर से जुड़े आईपीएल विवाद पर हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका था। मीरा ने कहा कि मैं ऐसे उपायों के बारे में सोच रही हूँ, जिससे प्रश्नकाल बाधित न होने पाए। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल बार-बार निशाना बनता है लेकिन यही वह व्यवस्था है जो संसद को सही मायनों में एक जन संस्था बनाती है, जहाँ जनता के प्रति विधायिका की जिम्मेदारी स्थापित होती है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल को बचाने के लिए जो भी सही उपाय होंगे, वे किए जाएँगे।
उधर, राज्यसभा में आज रक्षामंत्री ए के एंटनी ने डा जनार्दन वाघमरे के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार पांच वर्ष की अवधि में राष्ट्रीय कैडेट कोर की कैडेटों की स्वीकृत संख्या को 13 लाख से बढ़ाकर 15 लाख तक करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। थलसेना नौसेना और वायुसेना विंग्स के 777 राष्ट्रीय कैडेट कोर यूनिट हैं जो पूरे देश में फैली हुई है। गृह राज्यमंत्री अजय माकन ने अलका क्षत्रिय के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि देश की विभिन्न राज्य सरकारों को मानव तस्करी पर रोक के लिये प्रभावी और विस्तृत नीति तैयार करने की सलाह दी गई है। मानव तस्करी गम्भीर चिंता का विषय है और सरकार ने पिछले साल देश की सभी राज्य सरकारों को ऐसी तस्करी से सम्बन्धित अपराधों को समग्र रूप से निपटाने तथा कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की नीति बनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से पीड़ित लोगों के बचाव, राहत और पुनर्वास के लिये भी प्रभावी और विस्तृत नीति तैयार करने को कहा गया है। लोकसभा में संजय भोई के प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री प्रणीत कौर ने कहा कि भारत और ईरान के बीच वर्षों पुराना सहृदयतापूर्ण और ऐतिहासिक संबंध है। इन कारकों से व्यापार, निवेश, क्षेत्रीय सहयोग, सांस्कृति और शैक्षणिक आदान.प्रदान और एक दूसरे के यहां उच्चस्तरीय दौरे पर बल देते हुए बहुआयामी समकालीन संबंध का आधार मजबूत हुआ है। कौर ने बताया कि इस साल के बाद नयी दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री और ईरान के वित्त एवं अर्थव्यवस्था मंत्री की मुलाकात दोनों देशों के संयुक्त आयोग की दूसरी बैठक के दौरान होने की संभावना है।
लोकसभा में आनंद प्रकाश परांजपे के प्रश्न के लिखित उत्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि दिसंबर 2004 में सुनामी आने की वजह से सिविल संरचनाओं को सहारा प्रदान करने वाला राफ्ट बुरी तरह प्रभावित हो गया था और उसे पुन: निर्मित करने की जरूरत थी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भारतीय उद्योगों ने कड़ी तकनीकी विशेषताओं को पूरा करने के लिए सिविल और मैकेनिकल दोनों कार्यों से संबधित कई अ5यास भी किये थे। चव्हाण ने कहा कि मार्च, 2012 तक इसके शुरू किये जाने की उम्मीद है।

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