Thursday, April 29, 2010

सोरेन के लिखित माफी मांगने पर भी नहीं पसीजी भाजपा


sansadji.com

झारखंड में शिबू सोरेन सरकार से भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वापस लेने पर अडिग रहने और कांग्रेस के ‘देखो और इंतजार करो’ रूख के कारण राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है। कांग्रेस के एक नेता से जब झारखंड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘फिलहाल हम अपने आप को राजनीतिक गतिविधियों में नहीं शामिल करने जा रहे हैं। किसी ने हमसे संपर्क भी नहीं किया है और न ही हम कोई पहल करने जा रहे हैं।’’ उधर संसद में कटौती प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के लिए सोरेन के माफी मांगने के बाद भी भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने आज कहा कि राज्य में पार्टी के विधायक राज्यपाल से मिलकर समर्थन वापसी का पत्र सौंपने वाले हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा :झामुमो: के वरिष्ठ नेता सोरेन ने भाजपा नेताओं को चिट्ठी भेजकर कहा है कि खराब स्वास्थ्य के कारण उनसे ऐसी गलती हुई है। इस बीच कांग्रेस के शीर्ष नेता ने इस बात से इंकार किया कि कटौती प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में सोरेन का सरकार के पक्ष में मतदान करना सुनियोजित था। यह पूछने पर कि क्या सोरेन ने गलती से मत डाल दिया या फिर कांग्रेस ने उनसे इस बारे में बात की थी, उन्होंने कहा, ‘‘ हमें खुद आश्चर्य है कि ऐसा कैसे हो गया। ’’ साथ ही कहा कि यह तो सोरेन ही बता सकते हैं कि यह सब कुछ कैसे हुआ। इस नेता ने राजनीतिक हलकों में चल रही इस बहस को भी खारिज कर दिया कि सोरेन को केन्द्र में मंत्री बनाने और झारखंड में कांग्रेस-झामुमो-जेवीएम की गठबंधन सरकार बनाने की कोई कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ कोई सवाल नहीं उठता। यह निराधार है। कांग्रेस और झामुमो के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी इंतजार करो और देखो की नीति अपना रही है और वह फिलहाल जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती। झामुमो विधायक दल के नेता व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन ने कहते हैं कि मुख्यमंत्री अपने ऊपर लगाये जा रहे आरोपों से व्यथित हैं. वह सभी आरोपों को खारिज करते हैं। अपना पद त्यागने को भी तैयार हैं। भाजपा को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। भाजपा चाहे, तो नेतृत्व परिवर्तन कर ले. नये नेतृत्व के साथ सरकार गठन की पहल करे। झामुमो एनडीए के साथ हर भूमिका निभाने को तैयार है। तबीयत खराब होने के कारण मुख्यमंत्री ने गलतफहमी में कटौती प्रस्ताव के विरोध में मतदान कर दिया।

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