Sunday, April 25, 2010

स्थानीय जनसमस्याओं पर ज्यादातर सांसद सदन में रहते हैं खामोश, कोई सवाल-जवाब नहीं!


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  • होशियार! जनता सब देख-सुन रही है!!
  • सोमवार 26 अप्रैल को राज्यसभा और लोकसभा
  • में गूंजने वाले ज्यादातर सवाल गैर-स्थानीय

  • देश की संसद में क्या हो रहा है, इसकी ताजा बानगी लेनी हो तो लोकसभा और राज्यसभा में 26 अप्रेल सोमवार को उठने वाले सवालों से पता चल जाएगा। इन प्रश्नों के साथ सबसे ज्यादा उल्लेखनीय, दुखद और चौंकाने वाली बात ये लगती है कि ज्यादातर सांसदों ने अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं पर कोई सवाल नहीं किए हैं।
मसलन, देखिए कि बिहार की सांसद रमादेवी पत्तन परिवहन पर सवाल पूछ रही हैं, जिसका उनकी क्षेत्र की जनता से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदीप मांझी अग्नि मिसाइल के परीक्ष पर सवाल करते हैं और चौधरी लाल सिंह गोवा के सबसे बड़े ऑफशोर कसीनो रोयेल पर सदन में संबंधित केंद्रीय मंत्री से जवाबदेही चाहते हैं। सोमवार को जिन सवालों पर जवाबदेही मांगी गई है, उनमें एक सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी का, जो पिछले दिनों की सांसदों और दिल्ली पुलिस की सनसनीखेज आपबीती पर केंद्रित है। श्री गांधी ने दूरसंचार मंत्री से जानना चाहा है कि क्या अनचाही कॉल या मैसेज से बचने के लिए सरकार कोई व्यवस्था बनाने जा रही है? नगीना (बिजनौर-उ.प्र.) से सपा सांसद यशवीर सिंह ने संसदीय समितियों में सांसदों के शामिल किए जाने पर सवाल किया है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सांसद सरोज पांडेय के सवाल उन मजदूरों पर केंद्रित हैं, जो अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। अन्य सवाल पंचायती राज प्रणाली में विभिन्न स्तरों पर आरक्षण कोटा लागू किए जाने, देश में 11वीं पंचवर्षीय योजना में टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए जाने, स्वदेशी उद्योगों पर मौजूदा आर्थिक मंदी के प्रभाव, मोबाइल टावरों की स्थापना के संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को सरकारी अनुदेश आदि से संबंधित हैं। सोमवार को राज्यसभा में तारांकित प्रश्नों के अंतर्गत भाजपा सांसद प्रभात झा, राजीव प्रताप रूड़ी, एस.एस. अहलुवालिया, भगवती सिंह आदि के सवालों का जवाब देंगे विद्युत मंत्री। प्रभात झा का प्रश्न है कि देश में कहीं खूब बिजली मिल रही है, कहीं उपलब्धता न के बराबर है, इसकी वजह क्या है? सांसद अमीर आलम खान, एन.के. सिंह के सवाल जयराम रमेश है। रमेश से ही भाजपा सांसद ओमप्रकाश माथुर का भी प्रश्न है कि इस समय देश में बघों के संरक्षण के लिए कितने अभयारण्य सूचीबद्ध हैं। माकपा सांसद वृद्धा करात ने कांतिलाल भूरिया से पूछा है कि वन-भूमि के लिए जनजातीय एवं गैर-जनजातीय दावेदारों के अलग-अलग आंकड़े क्या हैं?
सोमवार को लोकसभा में वाणिज्य और उद्योग, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, श्रम और रोजगार, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पोत परिवहन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से संबंधित सांसदों के प्रश्नों के जवाब पेश किए जाएंगे। सवालों की झड़ी लगाने वाले सांसदों में डॉ.भोला सिंह, कुमार सरोज पांडेय, देवजी एम.पटेल, जगदानंद सिंह, महाबल मिश्रा, रमादेवी, भूदेव चौधरी, मंगनी लाल मंडल, राजकुमारी रत्नासिंह (2 सवाल), मुरली मनोहर जोशी, रघुवंश प्रसाद सिंह, कौशलेंद्र कुमार, सज्जन वर्मा (2 सवाल), नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ.विनय कुमार पांडेय (2 सवाल), पूर्णमासी राम, कपिलमुनि करवारिया, धनंजय सिंह, वरुण गांधी (3 सवाल), मिथिलेश कुमार, राजनाथ सिंह, निखिल कुमार चौधरी, यशवीर सिंह (2 सवाल), य़शोधरा राजे सिंधिया, उदय सिंह, सुशीलकुमार सिंह, प्रो.रंजन प्रसाद यादव, इज्यराज सिंह, रामसुंदर दास, भीष्मशंकर तिवारी, श्रीमती मीना सिंह, महेश जोशी, प्रेमचंद गुड्डू, धर्मेंद्र यादव, डॉ.किरोड़ीलाल मीणा, गोरखप्रसाद जायसवाल, श्रीमती सुमित्रा महाजन एवं चंद्रेश कुमारी, पकौड़ी लाल, अर्जुन राय, अर्जुन राम मेघवाल, योगी आदित्यनाथ, रविंद्रकुमार पांडेय (2 सवाल), नारायण सिंह अमलाबे, हुकुमदेव नारायाण यादव, राजेंद्र अग्रवाल आदि मुख्य हैं। 26 अप्रैल को राज्यसभा में खान मंत्री बीके हांडिक, जनजातीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, कारपोरेट कार्यमंत्री सलमान खुर्शीद, पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश, विद्युत मंत्री भरतसिंह सोलंकी सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्नों की पृथक सूची में दर्ज पत्रों को सभा पटल पर रखेंगे। कार्यवाही में सांसद डॉ. नजमा हेपतुल्ला, भारतकुमार राउत, आस्कर फर्नांडिस, बृजभूषण तिवारी, नरेशचंद्र अग्रवाल, एम.वैंकैया नायडू आदि शिरकत करेंगे। सांसद श्रीमती परनीत कौर इब्सा और ब्रिक शिखर सम्मेलनों के लिए प्रधानमंत्री की यात्राओं के संबंध में एक वक्तव्य देंगी। भाजपा सांसद नायडू गृहमंत्रालय के कार्यकरण पर चर्चा आरंभ करेंगे। बसपा सांसद नरेश अग्रवाल आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के कार्यकरण पर चर्चा छेड़ेंगे। सलमान खुर्शीद प्रस्ताव करेंगे कि कंपनी सचिव अधिनियम 1980 , लागत और सकर्म लेखापाल अधिनिधियम 1959 और चार्टर्ड अकाउंटेंट अधिनियम 1949 के संशोधनों के लिए विधेयक पुरःस्थापित करने की अनुमति दी जाए।

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