Wednesday, March 17, 2010

अभी जांच की जद में नहीं नोटों की माला!




केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और इनकम टैक्स (आईटी)
विभाग द्वारा जांच शुरू हो जाने की अटकलें

पूरे प्रकरण पर कांग्रेस असमंजस में, दिग्विजय सिंह ने वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से की गुफ्तगू

भाजपा लगभग खामोश लेकिन मुलायम सिंह ने चेतावनीदी चेतावनी- 12 अप्रैल से पहले करा लें जांच, वरना लोकसभा में सरकार से जवाबदेही मांगेंगे

(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को पहनाई गई नोटो की माला की जांच होगी या हो रही है, इसको लेकर सारा मामला कयासों में तैर रहा है।

एक तरफ सूत्रों का कहना है कि जांच शुरू हो चुकी है, दूसरी तरफ जानकारी मिल रही है कि केंद्र सरकार आरक्षण विधेयक को लेकर दबाव में है, इसलिए अति उत्साह में कोई कदम उठाने का उसका इरादा नहीं है। केवल गर्मागर्म बयानबाजियों तक सीमित रहने के पार्टी हाईकमान के निर्देश हैं। मुलायम सिंह ने चेतावनी दे दी है कि 12 अप्रैल से पहले जांच नहीं हुई तो वह लोकसभा में इस मामले पर सरकार से जवाब मांगेंगे। भीतरी असलियत ये भी पता चली है कि भाजपा भी इस पचड़े में पड़ने से बच रही है। पता चला है कि इस पूरे मामले पर केंद्र ने घेरेबंदी शुरू कर दी है। मामले की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी छानबीन शुरू कर दी है। इसी मामले पर वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की गुफ्तगू भी जारी है। कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह उत्तर प्रदेश सियासत भी संभाल रहे हैं, इसीलिए इस प्रकरण पर उन्हें ही सक्रिय रखा जा रहा है। वित्त मंत्री से सिंह की क्या वार्ता हुई, इसका खुलासा नहीं हो सका है। कांग्रेस नोट प्रकरण को भ्रष्टाचार से जोड़ने की जुगत में है। माला-राशि की जांच लखनऊ का इनकम टैक्स (आईटी) विभाग भी कर रहा है। खास तौर से उन माध्यमों की जांच हो रही है, जिनसेमाला के लिए रुपये जुटाए गए। अनुमानतः माला में 20 करोड़ से ज्यादा के सिर्फ नये-कुरकुरे नोट पिरोये गए थे। नए नोट होने से जांच में आसानी होगी, क्योंकि ऐसे रुपये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करते समय उनके नंबर अपने यहां दर्ज कर लेता है। इस जांच की जद में वे बैंक भी सकते हैं, जिनके खाते माला-राशि के श्रोत बने। विभाग का गुप्तचर तंत्र सक्रिय कर दिया गया है। जांच सही दिशा में बढ़ी तो कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं माला के समस्त नोट इधर-उधर कर दिए गए हों। ऐसा हो चुका होगा तो जांच में मुश्किल सकती है। फिलहाल एक मामला तो बन ही चुका है, धन के गलत इस्तेमाल का। मायावती के खिलाफ दिए जा रहे तमाम बयानों के बीच सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह का कहना है कि इस मामले पर संप्रग सरकार की बसपा से मिलीभगत है। वह चाहते हैं कि इस मामले की जांच बजट सत्र के दूसरे चरण यानी 12 अप्रैल से पहले हो जाए वरना सपा ये मुद्दा सदन में उठाएगी, और केंद्र सरकार जवाबदेही से बच नहीं सकेगी। मुलायम सिंह कहते हैं कि जांच सिर्फ माला-राशि की ही नहीं, बसपा की रैली पर बर्बाद हुए प्रदेश की जनता के कई सौ करोड़ रुपये की भी होनी चाहिए। उधर, बसपा ने नोटो की माला पर मुंह खोलने वाले कर्नाटक के पार्टी प्रवक्ता को अपने दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

2 comments:

कृष्ण मुरारी प्रसाद said...

इस राजनितिक बबंडर में बेचारे हुनरमंद कारीगर को कोई पूछ ही नहीं रहा, जिसने इतनी खूबसूरत माला बनायी...

लड्डू बोलता है...इंजीनियर के दिल से...
http://laddoospeaks.blogspot.com

Admin said...

हमें मालूम है किस देश की पुलिस चोर है