Sunday, March 14, 2010
मुबारक हो मंत्री जी फिर से बिजनेस क्लॉस का सफर!
पहली अप्रैल से केंद्रीय मंत्रियों को बिजनेस क्लॉस में सफरकी केंद्र सरकार की अनुमति
(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)
इस माह के शुरू में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी का वह जवाबधरा रह गया है, जब उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में बिजनेसक्लॉस में सफर करने संबंधी एक केंद्रीय मंत्री के सवाल कोहंस कर टाल दिया था। अब पता चला है कि केन्द्र सरकार ने एक अप्रेल से मंत्रियों को बिजनेस क्लॉस में सफरकरने की अनुमति दे दी है। मंदी के दौर में सभी मंत्रियों के बिजनेस क्लॉस में यात्रा करने पर रोक लगा दी गई थी।उल्लेखनीय है कि इस माह के पहले हफ्ते में केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रीफारूक अब्दुल्ला ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से पूछा था कि क्या हम लोग फिर से विमान के बिजनेस क्लास मेंबुकिंग शुरू करवा सकते हैं। इस पर मुखर्जी ने हंस कर बात टाल दी थी। उस समय वित्त मंत्री के जवाब से पता चलाथा कि वह फिलहाल शाहखर्ची की छूट देने के मूड में नहीं हैं। यानी बजट के बाद भी पार्टी का सादगी अभियान जारीरहेगा। उस समय वित्तमंत्री के बात टाल देने से कांग्रेस, सांसदों और मंत्रियों को मायूस होना पड़ा था। उल्लेखनीय हैकि यूपीए आलाकमान ने पिछले वर्ष देश के अस्थिर आर्थिक हालात को देखते हुए अपने मंत्रियों-सांसदों कोइकोनॉमी क्लास में यात्रा करने की हिदायत दी थी। वरिष्ठ मंत्रियों को अपने कई तरह के खर्चों में कटौती करने कीहिदायत दी गई थी। विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर खास तौर से शाही खर्चों के लिए बार-बार मीडिया चर्चाओं में बनेरहे थे। उन्होंने तो सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर में एक टिप्पणी में इकोनॉमी क्लास को मवेशी श्रेणी तक कीसंज्ञा दे डाली थी। और अब आज-कल की बात। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अभी कल ही चेन्नई में सांसदों कोसीख दी थी कि मितव्ययी बनकर देश की आर्थिक चुनौती से मुकाबले में साझीदार बनें। अभी दो सप्ताह भी नहींबीते की सारी अटकलें और अंदेशे धरे रह गए। सरकार फिर से बिजनेस क्लॉस में सफर की अनुमति देने जा रहीहै। निश्चित रूप से इस बात को हाल के संसदीय हालात से भी जोड़कर देखा जा रहा है। महिला आरक्षण बिल परजिस तरह सत्ताधारी दल के भीतर ही पराये मत उभरने और जोर मारने लगे थे, सरकार की अस्थिरता तक कीचर्चाएं गर्म हो चली थीं। वैसे भी मंदी के बहाने खर्च कटौती के दिनों में भी सांसदों और मंत्रियों द्वारा अपनाया जा रहामितव्ययिता अभियान सवालों में था। उन दिनों एयर इंडिया की पायलट एसोसिएशन ने शिकायत की थी किमंत्रियों और सांसदों में से कई लोग बिजनेस क्लास के टिकट के लिए दबाव बनाते हैं। संगठन के महासचिवआरएस ओटल ने किसी का नाम लिए बिना एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरविन्द जाधव को पत्रलिखकर बताया था कि पायलट, केबिन के सदस्य और अन्य कर्मचारियों को मंत्रियों और सांसदों के निर्देश माननेको बाध्य किया जाता है। हालाँकि मंत्री और सांसद अपना टिकट लेते हैं इकोनॉमी क्लास में, लेकिन उन पर इसकाउन्नयन बिजनेस क्लास में कर देने का दबाव बनाते हैं और कई बार तो ‘जबरदस्ती’ ऐसी सीटें हथिया लेते हैं।
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