Tuesday, March 16, 2010
अब सदन में चमकेगा सांसदों की जेब पर तिरंगा
(sansadji.com सांसदजी डॉट काम)
खबर पुरानी है, लेकिन संसद का सत्र चल रहा है तो नईभी। और जब मीडिया इसे नए सिरे जब परोसे, तभी सेमान लेना चाहिए। ...तो वह खबर है माननीय अब संसद केअंदर भी अपनी जेब पर तिरंगा लगा सकेंगे। दरअसल इसतरह की पहल सबसे पहले सांसद नवीन जिंदल ने की थी।जिंदल ने 2004 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से यह इजाजत मांगी थी। जिंदल ने तब कहा थाकि तिरंगा देश का सबसे बड़ा प्रतीक है। सांसद इसे लगाकर गौरवान्वित महसूस करेंगे। जिंदल ने आम नागरिकोंद्वारा साल भर तिरंगा फहराने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से जीती है। नवीन जिंदल की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्टने भारत सरकार से ‘फ्लैग कोड’ को बदलने की हिदायत दी थी। इसके बाद नागरिकों को वर्ष में किसी भी दिन झंडाफहराने की इजाजत दी। गई। अब लोकसभा की नियम समिति ने संसद में जेब पर तिरंगा लगाने की सदस्यों कोयह इजाजत दे दी है। युवा कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल की अपील पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने लोकसभासदस्यों के लिए रूल प्रॉसिजर ऐंड बिजनेस कंडक्ट के नियम 349 (14) को बदलकर तिरंगा लगाने की इजाजत दीहै। अभी तक सदन में सांसदों को कोई पहचान चिन्ह आदि लगाने की इजाजत नहीं थी। अब लोकसभा ने अपनेनियमों में यह बदलाव फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के आग्रह पर किया है। स्पीकर मीरा कुमार की अध्यक्षता मेंनियम समिति की 18 फरवरी को हुई बैठक में नियम में बदलाव करते हुए सांसदों को सदन के अंदर तिरंगा झंडालगाकर आने की इजाजत दी गई। लोकसभा के नियम 1952 में बने थे। सांसदों पर यह पाबंदी इसलिए लगाई गईथी ताकि वह किसी निशान के साथ सदन में विरोध की कोशिश न कर सके।
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1 comment:
आभार खबर देने के लिए.
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