Wednesday, March 17, 2010

एनडी तिवारी हाजिर हों!!!



दिल्ली हाईकोर्ट से आ ही गया बुलावा
उत्तराखंड का नाजायज संतान मामला

पूर्व सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री एवं आंध्र प्रदेश-उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल नारायणदत्त तिवारी को दिल्ली हाईकोर्ट से तेज झटका लगा है। अदालत ने 'तिवारी का बेटा' होने का दावा कर रहे रोहित शेखर की पैतृत्व परीक्षण याचिका स्वीकारते हुए इस पर तिवारीजी का तर्क ठुकरा दिया है। जस्टिस विक्रमजीत सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दोनों पक्षों को आगामी 7 अप्रेल को अदालत में तलब कर लिया है। पूर्व में यहां रोहित की अपील खारिज कर दी गई थी। उल्लेखनीय है कि रोहित शेखर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को एनडी तिवारी की अवैध संतान बता रखा है। रोहित ने दावा किया है कि तिवारी उनके पिता हैं। रोहित ने कुछ तस्वीरों के आधार पर अदालत में अपना दावा पेश किया है। हालांकि, तिवारी के वकीलों ने दलील दी थी कि यदि रोहित वास्तव में उनकी संतान हैं तो उन्हें कानूनन वयस्क (18 साल) होने के तीन साल के अंदर दावा पेश करना चाहिए था। रोहित की मां उज्जवला शर्मा ने भी एनडी तिवारी पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया है। रोहित की मां एनडी तिवारी के साथ खिंचवाई गई तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा है कि यदि तिवारी के उनसे निकट संबंध नहीं है, तो उन्होंने उनके साथ तस्वीरें क्यों खिंचवाई। उन्होंने दावा है कि 1970 के दशक में तिवारी और उज्जवला करीब आए थे। उस दौरान उज्जवला खुद भी कांग्रेस से जुड़ी थीं और काम के सिलसिले में दोनों की करीबियां बढ़ती चली गई। उज्जवला के अनुसार उसी दौरान तिवारी ने संतान की इच्छा जताई, जिसके बाद रोहित का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि रोहित के जन्म के बाद तिवारी बेहद खुश हुए थे और वो कई वर्षो तक उसका जन्मदिन भी मनाते रहे। हालांकि, बाद में तिवारी ने रोहित और उज्जवला से दूरियां बढ़ानी शुरू कर दी। उज्जवला के अनुसार 2005 में तिवारी के 80वें जन्मदिन पर वो रोहित के साथ तिवारी से मिलने गईं थी, जिसके बाद वो परेशान हो गए थे।

1 comment:

Udan Tashtari said...

अजब हालत है..अब जाने क्या लंबा चलता है-साहब जी या केस!