Wednesday, March 17, 2010
संसद में बड़ी मोरचेबंदी अब होगी परमाणु विधेयक पर
कांग्रेस और भाजपा सांसदों को अभी से प्रशिक्षण
वामपंथी दल भी मुकाबले की जोरदार तैयारी में
12 अप्रैल को सदन शुरू होते ही दोतरफा मुकाबला
(खबर sansadji.comसांसदजी डॉट कॉम से)
परमाणु दायित्व विधेयक पर लोकसभा के पक्ष-विपक्ष दोनों पहले से तैयारी में जुट गए हैं। बजट सत्र के आगामीचरण में कांग्रेस इस सिरे से तैयारी कर रही है कि वह विपक्ष के हमलों का जवाब दे सके और भाजपा ने भाजपा नेसंसद की स्थायी समितियों की तर्ज पर स्वयं की शैडो स्थायी समितियाँ गठित कर इस विधेयक के खिलाफ अपनीमोरचेबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की ये समितियां संसद में उठाए जाने वाले मसलों पर सासंदों की पूर्वतैयारी की कसरत करेंगी। अवकाश बजट सत्र में आने वाले विधेयक पर समितियां तैयारी में जुट गई हैं। तय होचुका है कि विदेशी शिक्षा प्रदाता विधेयक पर संसद में व्यापक चर्चा कराने पर जोर दिया जाए क्योंकि यह एक ऐसाविधेयक है जिससे देश की शिक्षा प्रणाली पर दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे। वामपंथी दल पहले से लगोंट कसे हुए हैं।अनुमान लगाया जा रहा है कि 12 अप्रैल से शुरू होने वाली संसद में परमाणु दुर्घटना दायित्व विधेयक पक्ष-विपक्षकी मोरचेबंदी सबसे बड़ा मामला बनेगा।
कांग्रेस ने विपक्ष की काट के लिए उसने अपने सांसदों और मंत्रियों को तैयार करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षासलाहकार शिवशंकर मेनन संसदीय कार्य मंत्री कक्ष में कांग्रेस सांसदों को विधेयक की विस्तृत जानकारियां दे चुकेहैं। इस प्रशिक्षण-बैठक में वरिष्ठ मंत्री कपिल सिब्बल, राजीव शुक्ला, प्रवक्ता मनीष तिवारी, जयंती नटराजन आदिमुख्य रूप से मौजूद रहे। कांग्रेस की कोशिश है कि सदन में उसके सांसद विधेयक पर रक्षात्मक की बजायआक्रामक रुख अपनाएं। इसीलिए पहले से पार्टी में जोरदार होमवर्क चल रहा है। पार्टी आरोप लग रहे हैं कि वहअमेरिका के दबाव में है। तभी तो पीएम के विदेश दौरे से लौटते ही इसे तुरत-फुरत में लोकसभा में धर दिया गया।भाजपा और वामपंथी दलों का कहना है कि ये विधेयक भारतीय हितों से खेलने वाला है। कांग्रेस के सामने बड़ामसला एक और है कि इस विधेयक को पेश किए जाने के समय पार्टी के सभी सांसद सदन में मौजूद रहें। कोईअचरज नहीं कि महिला आरक्षण बिल की तरह सदन में ये विधेयक प्रस्तुत करते समय भी पार्टी को एक बार फिरव्हिप जारी करना पड़े। इस बीच कांग्रेस की ये भी कोशिश होगी कि 12 अप्रैल से पूर्व इस विधेयक का विभिन्नसूचना माध्यमों से खूब गुणगान करा लिया जाए। भाजपा और वामपंथी दल मुख्य रूप से परमाणु हादसों से होनेवाले नुकसान की भरपाई के लिए महज 500 करोड़ रुपये होने की विधेयक की कमजोर कड़ी पकड़े हुए हैं।
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1 comment:
सो तो होना ही है.
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