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(sansadji.com)
हजारीबाग में भाजपा सांसद यशवंत सिह्ना ने कहा कि महिला विधेयक पर केन्द्र सरकार का नजरिया इमानदार नहीं है। इस मुद्दे पर वह राजनीति कर रही है। वैसे तो इस तरह के मुद्दों पर राजनीति करना उसका पुराना शगल है, लेकिन महिला विधेयक को वह शुद्ध रूप से राजनीतिक हथकंडा बनाना चाहती है। पूर्व विदेश मंत्री एवं हजारीबाग सांसद ने कहा कि इसका स्पष्ट प्रमाण यह है कि महिला विधेयक को लेकर केन्द्र सरकार ने आज तक कोई ईमानदार पहल की ही नहीं। जहां तक राज्य सभा में भाजपा द्वारा विधेयक को समर्थन देने का सवाल है तो यह भाजपा का वादा था, जिसे उसने पूरा किया। केन्द्र सरकार कई देश व समाज हित के मुद्दों का राजनीतिक इस्तेमाल करना चाहती है। महिला विधेयक भी उसी का एक हिस्सा है। अगर उसका नजरिया ईमानदार होता तो विधेयक लाने के पहले ही सर्वदलीय बैठक या फिर जिन दलों ने महिला विधेयक का पहले भी समर्थन किया है, उनकी बैठक जरूर बुलाई होती। उसने जब देखा कि लोकसभा में उसकी गाड़ी फंस जाएगी तो अंत में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सदन में यह घोषणा कर दी कि अब इस मुद्दे पर सभी दलों से बातचीत की जाएगी। इसके बाद ही महिला विधेयक लोकसभा में लाया जाएगा। लोकसभा में भाजपा विधेयक वादे से बंधी है, लेकिन जब इस मुद्दे को लेकर केन्द्र कोई बैठक बुलाता है तो उसमें पुन: एक बार विस्तृत बातचीत होगी। भाजपा का यह स्पष्ट नजरिया शुरू से रहा है कि सार्वजनिक हित के मुद्दों पर सभी दलों की राय ली जानी चाहिए, क्योंकि सहमति ही प्रजातंत्र की आत्मा है।
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