Saturday, March 27, 2010

सीवान में सांसद की प्रतिष्ठा दांव पर



(sansadji.com)

सीवान के निर्दल सांसद ओमप्रकाश यादव की प्रतिष्ठा इन दिनों दांव पर लगी हुई है। मुद्दा है जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव। रस्साकशी काफी तगड़ी है। पता चला है कि एक वोट से मामला इधर-उधर होना है। सांसद यादव अपने पक्ष के जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त बताए गए हैं। सिवान जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक शनिवार को बुलाई गई है। इसी दिन अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के भाग्य का फैसला होना है। किसके सिर पर होगा ताज और कौन कहलाएगा जिला परिषद का सरताज, इसको लेकर जिले में चर्चा का बाजार गर्म है। दोनों गुट पार्षदों को अपने-अपने पाले में करने के लिए सभी जतन ठाने हुए हैं, और अपने-अपने जीत के दावे ठोक रहे हैं। जहां नंदप्रसाद चौहान के पक्ष में सांसद ओमप्रकाश यादव मोर्चा संभाले हैं तो वहीं दूसरे गुट की कमान जेपी पांडेय, जितेश सिंह, लालबाबू साह आदि पार्षदों ने संभाल रखी है। ऐसे में अध्यक्ष की कुर्सी अगर खिसकती है तो सांसद के राजनीतिक कद पर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि सूत्रों की मानें तो दूसरे गुट की कमान एक ऐसे शख्स के हाथ में है जो जिला परिषद के अभिन्न अंग माने जाते हैं। इस बार भी परदे के पीछे रहकर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को हटाने की मुहिम में नायक की भूमिका निभा रहे हैं। दोनों गुट बहुमत हासिल कर लेने के दावे ठोक रहे हैं लेकिन अभी तक स्थिति से यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। फैसले की घड़ी आज है। अब देखना यह है कि नंद के घर आनंद होता है या सांसद की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लगता है। ज्यादा उम्मीद जताई जा रही है कि सांसद की करवट ही ऊंट बैठ सकता है।

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