Thursday, March 25, 2010
भाजपा के घर में उमा की पदचाप
(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.comसे)
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में भारतीय जनशक्ति पार्टी की ओर से चुनाव नहीं लड़ने और अपनी पार्टी के राजग में शामिल होने की घोषणा करने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज अचानक एक नाटकीय घटनाक्रम में भारतीय जनशक्ति पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी। कहा कि 'देश की राजनीतिक परिस्थतियों और अपने स्वास्थ्य के चलते मैं पार्टी से इस्तीफा देती हूं। मुक्त मन से आत्मवालोकन और चिंतन मनन से मेरे शरीर और मन पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है। इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं।' उमा भारती के अपनी ही बनाई भारतीय जनशक्ति पार्टी से इस्तीफा देने और मूल दल में वापसी की अटकलों के बीच भाजपा ने आज कहा कि वह अपने अध्यक्ष नितिन गडकरी के इस बयान पर कायम है कि पार्टी छोड़ कर गए लोगों की वापसी का स्वागत है। भाजपा प्रवक्ता तरूण विजय ने उमा के इस्तीफे का भाजपा में लौटने से संबंध होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं है, लेकिन पार्टी गडकरी के इस बयान पर कायम है जिसमें उन्होंने कहा था उमा भारती और कल्याण सिंह जैसे लोग अगर पार्टी में लौटना चाहें तो उनका स्वागत है। उमा को अभी दो दिन पहले ही यहां भाजपा के एक कार्यक्रम में देखा गया था जिसमें पार्टी अध्यक्ष गडकरी उपस्थित थे। बरसों से भाजपा के कट्टर हिन्दुत्व का चेहरा रहीं इस तेज़ तर्रार नेता को लालकृष्ण आडवाणी सहित कई वरिष्ठ नेताओं को आड़े हाथ लेने पर अनुशासनहीनता के आरोप में 2005 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। गडकरी ने अब तक गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सुशासन' पर बयान देकर, सांसद फिरोज वरुण गांधी को पार्टी का बड़ा सांगठनिक ओहदा देकर अयोध्या मंदिर के लिए मुस्लिमों को सीख देकर अपने रुख के जैसे संकेत दिए हैं, उससे ये कोई आश्चर्यजनक नहीं होगा कि हालफिलहाल उमा भारती और देर-सवेर कल्याण सिंह भी पुनः भाजपा के हो जाएं!
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2 comments:
एक न एक दिन तो उमा को लौटना ही था। खैर आगे देखिए क्या होता है।
थूक के चाटने की फितरत नेताओं में कोई नई नहीं है.
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