Friday, March 26, 2010

कामरेड संसद से सड़क की ओर



(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से )

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कामरेड चाहे जितनी माथापच्ची कर रहे हैं, उन्हें विपक्षी एकजुटता के राह में महिला आरक्षण विधेयक नाम की बड़ी अड़चन का कोई विकल्प सुझाई नहीं दे रही है। सड़क से संसद तक पार्टी को यही सबसे ज्यादा मुश्किल दिख रही है। यद्यपि वह परमाणु क्षतिपूर्ति विधेयक और महंगाई पर संसद में बनी विपक्षी एकता से उत्साह का भ्रम भी पाले हुए है। पोलित ब्यूरो की बैठक में कामरेडों ने संसद से सड़क तक संघर्ष के लिए तमाम पंथनिरपेक्ष राजनीतिक दलों को साथ लेने पर सहमति जताई, लेकिन महिला आरक्षण विधेयक के विरोध का हल नहीं मिल पा रहा है। बैठक में इस बात पर सहमति रही कि महंगाई की तरह अन्य मुद्दों पर कुछ दलों के साथ आने की शुरुआत को अगले दो साल के दौरान होने वाले चुनावों में भी आजमाया जाए। पार्टी की नजर बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव में राजद और सपा जैसे दलों के साथ गठजोड़ पर भी है। बैठक में इन दोनों दलों के साथ गठजोड़ की संभावना पर भी विचार हुआ। फिलहाल परमाणु क्षतिपूर्ति विधेयक और महंगाई पर इन दलों के साथ सरकार के खिलाफ खड़े होने को माकपा तैयार है। प्रकाश करात की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गंभीरता से तीसरे मोरचे की जरूरत महसूस की गई। करात कार्यक्रम के आधार पर तीसरा मोर्चा खड़ा करने के पक्ष में रहे।

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