Saturday, March 27, 2010
नालंदा विश्वविद्यालय विधेयक संसद में अगले महीने पेश होगा
विश्वविद्यालय को स्थापित करना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख कदमः डॉ.मनमोहन सिंह
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि विधेयक कानून बन जाएगा, तब हम नियुक्तियां शुरू करेंगे
(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से)
भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने सिंगापुर में नालंदा श्रीविजया सेंटर में कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए सरकार जमीन का अधिग्रहण कर चुकी है। अगले महीने संसद सत्र के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया जाएगा। नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध दर्शन, गणित, चिकित्सा और अन्य विषयों के अध्ययन का महत्वपूर्ण केंद्र था। पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन ने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का समर्थन किया था। नालंदा समर्थक समूह की कई महीनों की अथक मेहनत से यह संभव हो पाया। शिक्षा के क्षेत्र में यह अनूठे सहयोग का उदाहरण होगा। इसी साल जनवरी में तिरुअनंतपुरम् में केरल सरकार की उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि केंद्र दुनिया के प्राचीनतम विश्व विद्यालयों में से एक नालंदा विश्वविद्यालय को पुनरुज्जीवित की योजना बना रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय एक समय में एशिया के शिक्षा के केंद्र के रूप में विश्वविख्यात था। विश्वविद्यालय को स्थापित करना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख कदम होगा जो पूर्वी एशिया के साथ भारत के प्राचीन शैक्षिक और बौद्धिक संपर्क को पुनरुज्जीवित करेगा। उच्च शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में सरकार क्रांतिकारी बदलाव के लिए काम कर रही है ताकि भारत शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन सके जैसा कि यह अतीत में कभी था। ऑल इंडिया रेडियो से बातचीत में नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि पांचवीं सदी के विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के नाम पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। प्रस्तावित विश्वविद्यालय के संरक्षक के रूप में नामित देश विदेश की प्रमुख हस्तियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए सेन ने कहा था कि भारत सरकार और हम ईस्ट एशिया समिट को स्वीकार करने की तैयारी कर रहे हैं। इस पर आधारित एक विधेयक संसद में पेश होगा और जब विधेयक कानून बन जाएगा तब हम नियुक्तियां शुरू करेंगे और विभिन्न स्कूलों की स्थापना करेंगे। जब तक कानून नहीं बन जाता तब तक भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता। बिहार सरकार ने पहले ही जमीन मुहैया करा दिया है। वह शुरुआती निवेश भी कर रही है। बिहार और केंद्र सरकार से कुछ शुरुआती कोष भी मिलने वाले हैं। ईस्ट एशिया समिट के 16 देश विश्वविद्यालय की स्थापना में आर्थिक सहायता दे रहे हैं। इस मुद्दे पर एक समिति के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर चुके सेन ने कहा था कि यह संभवत: एक राष्ट्रीय के बजाय अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय होगा जो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की जगह स्थापित होगा। नालंदा हमारी सभ्यता का प्रतीक है और नालंदा का पुनर्निर्माण एशिया के पुनर्जागरण के लिए महत्वपूर्ण है।
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