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(सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com)
लखनऊ में आज बसपा ने 2004 की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक ऐसी तस्वीर राज्य के लोक निर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने जारी की, जिसमें वह नोटों की माला तथा सोने का मुकुट पहने हुए हैं। यह तस्वीर महारैली में बसपा सुप्रीमो की करोड़ी माला पर उठे बवंडर के जवाब में जारी की गई है। बसपा ने नोटों की माला के विरोध को विपक्ष का हथकंडा बताते हुए राज्य के सभी जिला मुख्यालय में पर्दाफाश रैली निकाली। बसपा महासचिव का कहना है कि कांग्रेस अपने किसी भी काम को सही मानती है और यदि उसी काम को किसी अन्य दल का नेता करता है तो वह गलत हो जाता है। बसपा प्रमुख मायावती के नोटों की माला पहनने पर पूरे विपक्ष खासकर कांग्रेस ने हंगामा खड़ा कर दिया। जबकि अपनी पार्टी के अध्यक्ष के ऐसा करने पर वह खामोश रही। नोटों की माला पर हंगामा खडा करना मायावती को बदनाम करने की विपक्ष खासकर कांग्रेस की साजिश थी। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि रैली हो और जब इसमें सफल नहीं हो सकी तो नोटों की माला पर बवाल खडा कर दिया। विपक्ष मायावती की लोकप्रियता से डरा और घबराया हुआ है। राज्य में सरकार अच्छा काम कर रही है और पूरे विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है लिहाजा खासकर कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख को बदनाम करने का अभियान छेडा हुआ है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि पूरा देश जानता है, कांग्रेस अध्यक्ष सेवा के लिए राजनीति में आई हैं जबकि मायावती के लिए राजनीति व्यापार है।
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