Saturday, March 6, 2010
राजनाथ सिंह मांगें मुआवजा, माया का इनकार
(सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से साभार)
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गाजियाबाद सीट (उ.प्र.) से पार्टी सांसद राजनाथ सिंह ने आज मनगढ धाम (प्रतापगढ़, यूपी) के आसपास के गांवों में जाकर बृहस्पतिवार को संत कृपालुजी महाराज के आश्रम में भण्डारे के मौके पर हुई भगदड़ में मारे गये बच्चों और महिलाओं के परिजनों से मुलाकात की और उनके प्रति संवेदना जताने के बाद पीड़ित परिवारों को दस-दस लाख रूपये के मुआवजे की मांग की। राजनाथ सिंह ने गांवों से लौटकर संवाददाताओ से बातचीत में मुख्यमंत्री मायावती पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने बडे हादसे के बावजूद मुख्यमंत्री का वहां न जाना और पीडित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की बजाय प्रदेश सरकार की खराब आर्थिक स्थिति पर प्रायोजित बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष सिंह ने कृपालु महाराज का पक्ष लेने के अंदाज में कहा कि उनकी नीयत और उद्देश्य में कोई खोट नही थी बल्कि वह तो लोगो की सहायता ही करना चाहते थे। यह उल्लेख करते हुए कि भगदड में मरने वाले गरीब परिवारों के बच्चे और महिलाएं थीं, राजनाथ ने कहा कि यह केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण बढती महंगाई और गरीबी का भी ताजा प्रमाण है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को इस घटना पर मुख्यमंत्री मायावती ने कहा था कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है। उनका राज्य वास्तविकता में आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। केन्द्र ने राज्य को कैलेमिटीज रिलीफ फंड (सीआरएफ) मुहैया कराया है पर उसे केवल प्राकृतिक आपदाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है न कि इस तरह की दुर्घटनाओं में। मैंने अपनी पार्टी के सभी सांसदों से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात करने को कहा है। यदि केन्द्र सरकार मदद नहीं देती है तो हमें सारी जरूरी कामों में कटौती करके पीड़ितों की मदद करनी पड़ेगी। प्रधानमंत्री डॉमनमोहन सिंह घटना वाले दिन ही लोकसभा में प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रूपए का मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं।
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